पिछोर को छोड़ शिवपुरी की सभी सीटों पर कशमकश

शिवपुरी। प्रदेश कांग्रेस द्वारा 230 विधानसभा सीटों के तय किए गए पैनल पर आज 26 सितम्बर को छानबीन समिति की बैठक में विचार किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद लगभग आधी सीटों पर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

जहां तक शिवपुरी जिले का सवाल है तो यहां की पांच विधानसभा सीटों में से अकेले पिछोर में स्थिति स्पष्ट है और यह लगभग तय माना जा रहा है कि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी विधायक केपी सिंह के नाम पर मोहर लग जाएगी। जबकि शिवपुरी, कोलारस, पोहरी और करैरा में परिदृश्य अस्पष्ट बना हुआ है। कुछ सीटों पर जीतने योग्य उम्मीदवार और कांग्रेस की गाईड लाईन के बीच टकराहट का वातावरण बना हुआ है। यदि गाईड लाईन का अक्षरस पालन हुआ तो ऐसे दावेदार टिकट से वंचित हो सकते हैं। जिनके जीतने की प्रबल संभावना है।

पिछोर विधानसभा सीट के लिए यहां से चार बार जीत चुके विधायक केपी सिंह की उम्मीदवारी पर शुरू से ही कोई विवाद नहीं था। प्रदेश कांग्रेस ने पिछोर सीट पर इकलौता केपी सिंह का नाम स्क्रीनिंग कमेटी को भेजा था और सर्वे रिपोर्ट में भी केपी सिंह का नाम अब्बल है। इस कारण स्क्रीनिंग कमेटी में उनका नाम तय होने में कोई बाधा नहीं है।

कोलारस विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार रामसिंह यादव महज 238 मतों से चुनाव हारे थे। वर्तमान में वह जिला कांग्रेस अध्यक्ष हैं और टिकट के प्रबल दावेदार भी। इस कारण सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कांग्रेस ने अपने विधायकों के अलावा जिन 15 सीटों पर सिंगल नाम स्क्रीनिंग कमेटी को भेजे हैं उनमें रामसिंह यादव का नाम भी शामिल है, लेकिन इसके बाद भी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में रामसिंह यादव का नाम तय हो जाएगा। यह सुनिश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। इसका पहला कारण तो यह है कि बसपा ने यहां से यादव उम्मीदवार चंद्रभान सिंह की उम्मीदवारी घोषित कर दी है।

चंद्रभान सिंह जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष स्व. लालसाहब के अनुज हैं और रामसिंह विरोधी दलील दे रहे हैं कि यदि कांग्रेस ने भी यहां से रामसिंह यादव के रूप में यादव उम्मीदवार मैदान में उतारा तो भाजपा के लिए जीत मुश्किल नहीं होगी। रामसिंह विरोधी रामसिंह की बढ़ती उम्र का भी हवाला दे रहे हैं। इसकी काट के लिए रामसिंह यादव की सुपुत्री मिथिलेश यादव का नाम उभरा, लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस नाम पर घर में ही एका नहीं है।

रणनीति के अनुसार कांग्रेस ने यदि गैर यादव उम्मीदवार को टिकट देना तय किया तो रामसिंह का तयशुदा नाम स्क्रीनिंग कमेटी में खटाई में पड़ जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। वैसे भी सूत्र बताते हैं कि सिंधिया के सिपहसालार रामसिंह यादव के नाम पर सहमत नहीं हैं। ऐसी स्थिति में रविन्द्र शिवहरे, निशा शिवहरे और वीरेन्द्र रघुवंशी के नाम पर भी विचार संभावित है। हालांकि युवक कांग्रेस ने यहां से योगेन्द्र रघुवंशी बंटी का नाम भेजा है।

शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में उम्मीद जताई जा रही थी कि प्रदेश कांग्रेस वीरेन्द्र रघुवंशी का सिंगल नाम पैनल में भेजेगी, लेकिन सिंधिया खेमे में चल रही उठापटक के चलते वीरेन्द्र रघुवंशी के साथ कुछ और नाम पैनल में जोड़ दिए गए। तर्क यह दिया गया कि शहरी क्षेत्र में वीरेन्द्र कमजोर हैं और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग उनसे नाखुश है। यह तो स्पष्ट नहीं हुआ कि पैनल में किन दावेदारों के नाम हैं, लेकिन आम राय है कि राकेश गुप्ता, अजय गुप्ता और राकेश जैन में से किन्हीं दो के नाम पैनल में हैं।

स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में पैनल के नामों के अलावा सर्वे की रिपोर्ट पर भी विचार कर उम्मीदवार का चयन किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि सिंधिया के एक सिपेहसालार अजय गुप्ता और दूसरे राकेश गुप्ता की पैरवी कर रहे हैं।

सबसे ज्यादा विवाद पोहरी विधानसभा सीट पर है। जबकि पिछले चार चुनावों से पोहरी में कांग्रेस पराजित हो रही है। पिछले चुनाव में पोहरी में बसपा टिकट से हारे हरिवल्लभ शुक्ला भी कांग्रेस टिकट के दावेदार हैं। उनके खिलाफ पोहरी की लगभग पूरी कांग्रेस ने मोर्चा संभाल लिया है, लेकिन सिंधिया अक्सर उनके बचाव में सामने आते रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सिंधिया खेमे से पैनल में उनका नाम है। 

पैनल में शामिल अन्य नामों का जहां तक सवाल है। इनमें सुरेश राठखेड़ा, प्रद्युम्र वर्मा, विनोद धाकड़ और देवब्रत शर्मा के नाम  लिए जा रहे हैं। इनमें से देवब्रत शर्मा की पैरवी दिग्गी खेमा कर रहा है। युवक कांग्रेस ने स्क्रीनिंग कमेटी में विजय शर्मा का नाम भेजा है। हरिवल्लभ विरोध दलील देते हैं कि गाईड लाईन के हिसाब से हरिवल्लभ टिकट की दौड़ से बाहर हैं।

ऐसी ही दलील करैरा में टिकट दावेदार शकुंतला खटीक के बारे में दी जा रही है। पिछले चुनाव में शकुंतला खटीक जनशक्ति पार्टी से चुनाव लड़कर पराजित हुई थीं, लेकिन उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार बाबू रामनरेश से अधिक मत मिले थे। यहां से पैनल में योगेश करारे और जसवंत जाटव के नामों की चर्चा है। गाईड लाईन का पालन हुआ तो टिकट योगेश और जसवंत में से किसी एक को मिल सकता है।