शिवपुरी में बिछने लगी चुनावी बिसात

त्वरित टिप्पणी
ललित मुदगल
शिवपुरी-वैसे तो भी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पूरे डेढ़ साल का समय है लेकिन यदि अभी से तैयारी की जाए तो निश्चित रूप से उसके परिणाम कुछ सार्थक ही नजर आऐंगे। शिवपुरी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है जहां भाजपा या हो कांग्रेस दोनों ही पक्ष  में होड़ा-होड़ी को लेकर कांग्रेस ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए है। इसकी शुरूआत की है भाजपा के कुशासन और नीतियों के नाम से बांटे गए पर्चो व जन-जागरण पदयात्रा के द्वारा वार्डों में किए जाने वाले जनसंपर्क से। जहां कांग्रेस पार्टी द्वारा गत दिवस पार्टी को संगठित व मजबूत बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को भोज के साथ एकत्रित किया गया।
इसी दौरान कांग्रेस पार्टी के जिला मुखिया रामसिंह यादव व पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने संयुक्त रूप से इसे महाराज श्री का आदेश करार देते हुए त्वरित तीव्र गति से न केवल बैठक का आयोजन कर डाला बल्कि पत्रकारवार्ता के माध्यम से मीडिया से सहयोग की अपेक्षा भी व्यक्त कर दी। यहां कांग्रेस पार्टी के इस विशेष भोज में मीडिया को भी आमंत्रित किया गया था। साथ ही कहा गया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा आगामी 6 दिनों में प्रदेश की भाजपा सरकार के काले चिट्ठों को जनता के सामने रखा जाएगा ताकि केन्द्र सरकार से करोड़ों रूपये की राशि स्वीकृत कराकर प्रदेश के विकास में लगाने वाले श्री सिंधिया के प्रयास विफल ना जाए और प्रदेश में कांग्रेस पार्टी एक निष्ठावान पार्टी के रूप में सत्ता की ओर आगाज करें।

यह कयास भी लगे जाने लगे है कि प्रदेश में इस बार मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है लेकिन बीच-बीच में प्रदेश की बागडौर को उठने वाले सवालों से हर आमजन असंमजस में पड़ जाता है। वैसे तो गत दिवस जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक के दौरान  पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी व कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव ने साफ तौर से कहा कि प्रदेश की बागडौर पार्टी के ऊपर निर्भर करता है उन्होनें साफ तौर से तो केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया का नाम मुख्यमंत्री की ओर नहीं किया लेकिन उनकी भावना यही थी फिर भी कांग्रेस पार्टी  की ओर इशारा करते हुए मीडिया से इस सवाल से दूरी बनाए रखी।
 
वहीं इस बात कहने से पूर्व विधायक श्री रघुवंशी ने गुरेज नहीं किया कि प्रदेश में श्री सिंधिया ने कभी अपने आप को आगे लाने का प्रयास नहीं किया और ना ही उन्होनें कहा कि वह प्रदेश की कमान संभालेंगे मगर इसी तरह की बातें छिंदवाड़ा के कमलनाथ ने जरूर अपने को प्रदेश का मुख्य चेहरा बताने की बात कही थी इस प्रकार से देखा जाए तो यहां कहने का मतलब साफ था कि जिला कांग्रेस हो अथवा पूर्व विधायक वह जानते तो सबकुछ हो लेकिन जमीनी हकीकत के लिए पार्टी के आदेश का इंतजार है। खैर यह तो रही प्रदेश की बात लेकिनी जमीनी स्तर पर शिवपुरी में भी आगामी विधानसभा 2013 को लेकर बिसात बिछने की शुरूआत हो गई है।
 
बैठक में एक ओर सिंधिया के विकास तो दूसरी ओर भाजपा के विनाश के बारे में लिखे हुए पर्चों का वितरण किया गया साथ ही 6 दिनों तक संपूर्ण शहर भर में 39 वार्डों में लोगों के घर-घर जाकर जन-जागरण पदयात्रा के माध्यम से कांग्रेस की नीति को अवगत कराकर भाजपा के विरूद्घ मतदाताओं को बताया जाएगा कि केन्द्र से मिलने वाली राशि का प्रदेश के शिवपुरी शहर में विकास नहीं हो रहा है। जबकि भाजपा का इस ओर अभी ऐसा कोई रूख देखने को नहीं मिला। हां गत दिवस ही भाजपा पार्टी द्वारा केन्द्र सरकार के विरूद्घ धिक्कार दिवस जरूर भाजपा युवा मोर्चा द्वारा मनाया गया। दोनों ही दलों को देखा जाए तो वह पार्टी की आवो हवा को एक-दूसरे के विरूद्घ करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
 
अभी तो यह शुरूआत है लेकिन इसका असर जल्द ही भाजपा पर भी देखने को मिलेगा चूंकि कोई ऐसा चेहरा सामने नहीं आ रहा है जिसे देखकर कहा जाए कि आगामी समय के लिए यह फिट रहेगा। वैसे भी वर्तमान विधायकों से अब शिवपुरी की जनता ने तौबा करना भी सीख लिया है। एक ओर जहां शिवपुरी विधायक माखनलाल राठौर के पुत्र गजेन्द्र राठौर के द्वारा शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर सब्सिडी व किराए के रूप में लिए गए वाहन का निजी उपयोग करने का प्रकरण सामने आया तो वहीं नरवर क्षेत्र के मगरौनी में तो करैरा विधायक रमेश खटीक के पुत्र मुकेश खटीक जो कि ग्राम पंचायत निजामपुर के सरपंच है ने ग्राम के ही एक व्यक्ति की इस कदर मारपीट करा दी कि वह दो पैरों से चलने लायक तक नहीं बचा। इस युवक का कसूर इतना था कि उसने सूचना के अधिकार के तहत ग्राम निजामपुर में होने वाले कार्यों व अन्य जानकारी मांग ली। बस इस पर विधायक पुत्र ने अपने साथियों के साथ धमचौकड़ी कर दी। वहीं अन्य विधायकों का भी यही हाल है यहां भी इन्होंने जनता के विकास की कम स्वयं के विकास की सोच को अधिक परिलक्षित किया है। इससे संभावना जताई ता रही है कि आने वाला समय रोचक अवश्य होगा।