लुटीपिटी विधवा की तरह नजर आने लगी है शिवपुरी

शिवपुरी। आजादी से पूर्व देश के वि यात नगरी में से एक शिवपुरी जिला इन दिनो किसी विधवा की तरह नजर आने लगा है। शहर की सड़के दलदल मे तब्दील होने लगी है,नागरिको के कंठ प्यासे है। पूरे शहर में गंदगी और आवारा जनवरो का कब्जा है और नेता शहर वासियों को ग्रीन सिटी-क्लीन सिटी का सपना दिखा रहे है।

फिर से सूअरों की समस्या जस की तस
विधानसभा चुनाव के बाद स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया की प्राथमिकता में सूअरविहीन शहर था। जिस पर उन्होंने कड़ा रुख अपनाया और नगरपालिका सहित प्रशासन पर सूअरों को हटाने के लिए दबाव बनाया, लेकिन उनका दबाव वहां भी कारगर साबित नहीं हुआ।

ऐसी स्थिति में एक चिकित्सक राजेन्द्र गुप्ता द्वारा जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय में दायर की और उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद शहर की सूअर समस्या को खत्म करने का प्रारंभ किया गया,  लेकिन अब फिर से सूअरों की समस्या जस की तस है जिससे शिवपुरीवासियों का जीवन नारकीय बना हुआ है।

फोटो सेंशन तक ही सिमटा सफाई का शुक्रवार
भले ही भारत के पीएम के निर्देश अनुसार जिले के कलेक्टर ने हाथो मेें झाडु उठा लिया है परन्तु सफाई नही हुई यह सफाई का अभियान सिर्फ फोटो ओर प्रेसनोटो में ही उलझ गया है।

हां सफाई कैसे हो सीएमओ के हाथो में तो केवल नोटिस ही दिखाई देते है और कलेक्टर ने तो सार्वजनिक रूप से नपा से हाथ जोड लिए है आप स्वयं ही समझ सकते है कि क्लीन शिवपुरी कैसे हो सकती है।

अभी हाल ही में नालों की सफाई के नाम पर लाखों रुपये बहा दिये गये लेकिन स्थिति वैसी की वैसी बनी रही। थोड़ी सी बारिश में ही नाले का मलवा उफनकर सड़कों पर आ गया और शहर में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गये।

गड्ढे में शिवपुरी का भविष्य
शिवपुरी शहर की सड़कों का स्वरूप सीवर खुदाई के दौरान जो निर्मित हुआ है उससे सभी लोग भलीभांति परिचित हैं। ऐसी स्थिति में शिवपुरी का भविष्य गड्ढे में जाता दिखाई दे रहा है।

शहर में सड़कें  न होने से गर्मियों में धूल की परेशानी होती है वहीं बरसातों में कीचड़ और गड्ढों में गिरने की आशंका बन जाती है।

मैन लाइन फूटने से पानी की हो रही बर्बादी
शहर में पेयजल समस्या ने भीषण रूप धारण कर लिया है और लोगों में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची है इसके बावजूद भी पीएचई की अनदेखी के कारण चांदपाटे से शहर में पेयजल सप्लाई की जाने वाली मैन लाइन फूटी पड़ी है जिससे प्रतिदिन बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है। वहीं शहर में लगे हाईडेंटों से भी पानी की बर्बादी हो रही है। लेकिन जि मेदार इस बर्बादी को रोकने के लिए सतर्क नहीं हैं।