नववर्ष की तोहफा: बजंरगियो ने सौपा मुन्नालाल को दो टोपी के साथ बुर्का

शिवपुरी। सोमवार को तमाम प्रयासों के बाद आखिरकार बजरंगियों ने नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह को मुस्लिम समाज की रैली में शामिल होकर काले झंडे दिखाने को लेकर नगर पालिका कार्यालय में 11 बजे नया साल का तोहफा सौंप दिया और कहा कि यह आपके और उस पार्षद के लिए है जो विगत दिवस मुस्लिम समाज की रैली में काले झंडे लेकर आगे-आगे चल रहे थे।

बजरंगियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस तोहफे में दो टोपियों के साथ दो बुर्के भी थे जो नपाध्यक्ष और पार्षद के लिए थे। बजरंगियों ने तो ये भी बताया कि नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह का कहना है कि मुझे तो इसकी कुछ जानकारी ही नहीं थी पार्षद मुझे रैली में शामिल होने के लिए ले गए। 

हालांकि पार्षद आकाश शर्मा ने स्वीकारा कि वो हमारे वरिष्ठजन हैं उन्होंने जो कहा वो सही है। मैं तो सभी धर्मों का स मान करता हूं। अभी कुछ समय पूर्व ही कैला माता मंदिर से चुनरी यात्रा का प्रारंभ किया गया था जिसका मैंने राजेश्वरी रोड पर तीन जगह स्वागत भी कराया थ्ाि मैं किसी धर्म से ईष्र्या या द्वेष भावना नहीं रखता। 

कहीं ये वोट बैंक की राजनीति तो नहीं...
विगत दिवस जब सिद्धेश्वर मेला ग्राउण्ड से मुस्लिम समाज की रैली प्रारंभ हुई तो धीरे-धीरे वह पुराने बस स्टेण्ड पर आ गई जिसके बाद अपनी कार से आनन-फानन में नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह ने मुस्लिम समाज की रैली में बिना सूझबूझ के शामिल होना मुनासिब समझा। शामिल होना तो ठीक था, लेकिन उन्होंने इस रैली में हाथों में काले झंडे लेकर आगे-आगे चलने साहस जुटाया। 

जिसको देखकर शहर के बीचों बीच से गुजर रही रैली को जिस किसी समाज वर्ग लोगों ने देखा तो उनकी जुबान पर एक ही सवाल था कि यह भविष्य के लिए कहीं वोट बैंक की राजनीति तो नहीं...। हालांकि अब नपाध्यक्ष के द्वारा किए गए इस कार्य से अनेक सामाजिक हिन्दू संगठनों के साथ-साथ समाजों ने घोर विरोध किया है और निंदा की है कि नगर  पालिका अध्यक्ष के द्वारा इस तरह का कार्य अशोभनीय है। 

सुर्खियों में रहना रणनीति तो नहीं...
नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह जबसे नपाध्यक्ष बने हैं तबसे लेकर अब तक एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने को है और वह इस एक वर्ष में कई बार सुर्खियों में रहे। कहीं यह सुर्खियों में रहने की रणनीति तो नहीं। 

मामला चाहे अपने ही दल के उपाध्यक्ष से हुए विवाद का हो या पार्षद पति अनिल बघेल द्वारा शहर के प्राचीन मंदिर राज राजेश्वरी माता की अखण्ड ज्योति का संकल्प जिसमें नपाध्यक्ष द्वारा कहा गया कि वह और उनके परिवार का और कोई भी रिश्तेदार नगरपालिका में कमीशनखोरी हावी नहीं होने देगा और न ही इन सभी में से कोई कमीशन ठेकेदारों से लेगा जो अब शहर की पूरी जनता को साफ-साफ दिखाई देने लगा है।

 जिसका नतीजा हर बार की परिषद में भी देखने को मिलता है। यहां पर कई पार्षद तो सीधे-सीधे भ्रष्टाचार के आरोप नपाध्यक्ष पर लगाते देखे जा सकते हैं। अभी वर्तमान में ही कुछ पार्टी के लोग भी नपाध्यक्ष से नाराज थे जिसके चलते उन्हें पार्टी के नोटिस का सामना भी करना पड़ा। अब विवाद नपा उपाध्यक्ष से तो खुलकर ठेकेदारी को लेकर चलने लगा है। रही सही कसर सुर्खियों में आने के लिए विगत दिवस मुस्लिम समाज की रैली में शामिल होकर उन्होंने पूरी कर दी।