सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवमानना करता जल मंदिर मैरिज हाउस

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शिवपुरी। देश की सर्वाेच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनहित में दिए गए निर्णय का पालन इन दिनों नगर के अधिकांशत: विवाह घर नहीं कर रहे है यही कारण है कि आज भी इस आदेश के पालन के लिए ना तो पुलिस और ना ही प्रशासन गंभीर है जिसके चलते आए दिन इस नियम की अव्हेलना कर विवाह घर अपनी मनमर्जी से अपने कार्यों को संचालित किए हुए है।

इन्हीं में से एक है शहर के बीचों बीच जल मंदिर मैरिज हाउस जो कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के नियम विपरीत संचालित है यहां कानफोड़ म्यूजिक और अव्यवस्थाओं का बोलबाल सरेआम देखा जा सकता है। बिना पार्किंग के संचालित इस विवाह घर संचालक ने स्वयं के बारे-न्यारे करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जबकि शासन व न्यायालय के नियमों को खूंटी पर टांग कर अपने कार्य को किए जा रहा है।

इस संबंध में शीघ्र ही जागरूक नागरिकों द्वारा एक शिकायत की जाएगी ताकि इस विवाह घर में होने वाली अव्यवस्था से नागरिकों को राहत मिले व शहर के बीचों बीच तेज आवाज में बज रहे संगीत से कई परिवारों को होने वाले नुकसान को रोका जा सके क्योंकि तेज आवाज में संगीत से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।

अभी कुछ दिनों पहले ही जिला प्रशासन ने इस क्षेत्र से 200 मीटर की परिधि में साईलेंस जोन घोषित किया है चूंकि जल मंंदिर मैरिज हाउस यहां कन्या महाविद्यालय के समीप ही संचालित है इससे यह साईलेंस जोन की परिधि में आता है इसके बाबजूद भी कलेक्टर के आदेशों की अव्हेलना कर यह विवाह घर मनमर्जी अनुरूप संचालित है।

इस संबंध में स्थानीय नागरिकों ने भी जिला प्रशासन से इस ओर शीघ्र कार्यवाही की मांग की है। बताया जाता है कि यहां आए दिन विवाह मुहूर्त के समय देर रात्रि तक कई लोगों की आवाजाही बनी रहती है जिससे कई परिवारों को यह किसी भी प्रकार अप्रिय घटना होने का भय सताता है। रात के एक- या दो बजे तक भी लोगों की नींद इस विवाह घर में होने वाले विभिन्न आयोजनों के कारण हराम हो रही है और लोग परेशानी का सामना कर रहे है।

यहां पार्किंग ना होने से मुख्य मार्ग से निकलने वाले स्थानीय नागरिकों को आवाजाही में परेशानी भी आती है क्योंकि विवाह घर के सामने लगने वाले वाहन आढ़े-टेढ़े खड़े होते है जिससे यहां पूरा मार्ग ही अवरूद्ध हो जाता है ऐसे में यहां के लोगों को अपने घर तक पहुंचने के लिए कई घंटों इंतजार करना पड़ता है और जाम की स्थिति निर्मित होती रहती है। इस ओर शीघ्र कार्यवाही की दरकार है।


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