सहरिया क्रांति ने टूटे परिवार को दिलाई नई जिंदगी, शराब न पीने का लिया निर्णय

शिवपुरी। जिले में अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण अपनी धाक जमा बैठी सामाजिक संस्था सहरिया क्रांति दिन व दिन अपने कार्यों से जनता के बीच अपनी पैठ बना रही है। चाहे बात आदिवासियों की जमींन की हो या अन्य कोई भी आदिवासियों से जुडा मुद्दा यह संस्था जी जान एक करके संर्घषरत है। इस संस्था ने आज एक आदिवासी टूटे परिवार को फिर से नये सिरे से जीवन जीने की राह दिखाई है। और दोनो पति पत्नि को एक साथ बिना कोई विवाद के रहने की हिदायत दी है।

जानकारी के अनुसार रामसखी पत्नि शिवनंदन आदिवासी निवासी बैराडी थाना कोलारस शराब का आदि था और आये दिन शराब पीकर अपनी पत्नि के साथ मारपीट करता था। मारपीट से छुब्द हो गई कर रामसखी घर छोड़ कर बुआ के घर चली गई। इसके बाद पति ने अपनी पत्नि को हर संभब जगह तलाशा तो वह नहीं मिली। बीते रोज उक्त महिला अपनी परेशानी लेकर सहारिया क्रांति के संयोजक संजय बैचेन के पास आयी। मामले को गंभीरता से लेते हुए संजय ने पति को बुलाया और समझाया। तब शिवनंदन ने कभी भी शराब न पीने की कसम खाकर अपनी अर्धागिंनी को कभी भी मारपीट न करने की कहकर अपने साथ ले गया।

यह संस्था आये दिन आदिवासियों के हकों को लेकर लडती रहती है। अभी कुछ दिनों पहले ही आंतक का पर्याय वने शेरा बंजारा के खिलाफ मौर्चा खोला और इसे धरासाई कर पुलिस ने गिर तार कर रासुका की कार्यवाही की। उक्त शेरा बंजारा ने आदिवासीयों की जमींन को कब्जा रखा था। विदित हो उक्त शेरा बंजारे ने एक आदिवासी को बंधक बनाकर मारपीट की और उसे पैशाब भी पिलाई थी। जिस पर प्रशासन ने रासुका की कार्यवाही की थी।
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