तैयार है कुपोषण से लडने के लिए कलेक्टर, दिए विभाग को निर्देश

शिवपुरी। अभी श्योपुर जिले में कुपोषण का बबंडर मच रहा है। कही यह बबडंर शिवपुरी जिले में न सरक जाए और राष्ट्रीय शर्म का दर्जा प्राप्त कर चुके कुपोषण से लडऩे के कलेक्टर शिवपुरी ने कमर कस ली है और महिला विकास विभाग और संबधित विभागो को स त निर्देश दिए है। बताया जा रहा है कि इन निर्देशो में एक कार्ययोजना है जिससे कुपोषण से लडा जा सकता है। 

कलेक्टर शिवपुरी ओपी श्रीवास्वत ने महिला बाल विभाग को निर्दश दिए है कि नियमित रूप से आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं करने वाली व अपने कर्तव्य स्थल से बाहर रहने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को परियोजना अधिकारी सात दिन में कार्यसुधार व मु याल पर निवास का नोटिस दें, तत्पश्चात पालन नहीं पाए जाने पर पद से पृथक करने की कार्रवाही करें।

आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार, नाश्ता, खाना एवं थर्ड मील नियमित एवं गुणवत्ता पूर्ण प्रदाय हो। ऐसा न होने पर नियमानुसार एसडीएम की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत कर अनुबंध निरस्त कर अन्य समूहों को कार्य प्रदाय करें। आंगनवाड़ी केन्द्रों के बाहर पोषण आहार का मैन्यू प्रदर्शित किया जाना सुनिश्चित करें।

सेक्टर पर्यवेक्षक अपने क्षेत्र के अतिकम वजन के एनआरसी में भर्ती योग्य बच्चों को प्राथमिकता के क्रम में नामवार सूची तैयार कर जल्द से जल्द सीडीपीओ को दें, सीडीपीओ एनआरसी व बीएमओ को बैचवार सूची तैयार कर दें। भर्ती योग्य बच्चों को 108 के माध्यम से एनआसी में भर्ती कराऐं। 

यदि किसी प्रकरण विशेष में बच्चे की गंभीर स्थिति के बावजूद माता-पिता अथवा पालक बच्चे को एनआरसी में लाने तैयार नहीं हैं तो उक्त स्थिति में सीडीपीओ एसडीएम को उवगत कराएंगे। एसडीएम आवश्यकतानुसार समझाइस से अथवा पुलिस के सहयोग से उक्त बच्चे को एनआरसी या अस्पताल में भर्ती कराने की कार्रवाही करेंगे।

शत प्रतिशत कुपोषित बच्चों को अंागनवाड़ी केन्द्रों पर दर्ज कराऐं तथा उन्हें नियमानुसार पूरक पोषण आहार, खाना, नाश्ता, थर्डमील, टीएचआर एवं डे केयर सेंटरों पर चौथा मील आदि पात्रतानुसार, नियमित रूप से, निर्धारित मात्रा में गुणवत्तापूर्ण प्रदान किया जाऐ।

0 से 5 वर्ष तक का कोई भी बच्चा पंजीयन एवं वजन से नहीं छूटे। सात दिन में एक बार फिर से सर्वे कर शत प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित कराऐं और छूटे हुए बच्चों का वर्गीकरण करें।

परियोजना अधिकारी स्वयं क्षेत्र के पर्यवेक्षकों व अन्य कर्मचारियों को यह पाबंदी करेंगे कि जिला मु यालय से आना जाना नहीं करें व सभी का मु यालय पर निवास सुनिश्चित करें, ताकि योजनाओं क क्रियान्वयन गुणवत्तापूर्ण हो सके।

सीडीपीओ एवं सुपरवाईजर यह सुनिश्चित करें कि डे केयर सेंटरों का संचालन शासन द्वारा निर्धारित सात घंटे हो। डे केयर सेंटर के बच्चों का साप्ताहिक वजन लेकर पंजी संधारित की जाऐ।

ऐसे अतिकम वजन के बच्चे जिन्हें एनआरसी में भर्ती करने के बाद भी स्वास्थ्य सुधार नहीं हुआ है। सीडीपीओ व सुपरवाइजर क्षेत्रीय बीएमओ से समन्वय कर चिकित्सक से बच्चों की स्वास्थ्य जॉच आंगनबाड़ी पर टीम भेजकर अथवा 4 से 5 केन्द्रों के बच्चों का शिविर लगाकर कराऐं।

परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक यह सुनिश्चित करें कि पोषण आहार एवं डे केयर सेंटरों के देयकों का भुगतान नियमित रूप से हो सके। पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी विधिवत अवकाश स्वीकृत कराए बिना अथवा मुख्यालय छोडऩे की अनुमति लिए बिना अवकाश पर नहीं जाऐंगे और न ही मु यालय छोड़ेगें।