शिक्षा विभाग कोमा में, अपने शिक्षकों को रिटायर्ट करना ही भूल गया

शिवपुरी। एक ओर जहां नौकरी कम होने का रोना रोया जा रहा है कर्मचारियों को जल्द ही रिटायर्ड  करने के प्लान भी बनाए जा रह है तो दूसरी और शिवपुरी का शिक्षा विभाग कोमा में चला गया है वह अपने दो शिक्षको को रिटायर्ट करना भूल गया। शिक्षको ने भी रिटायर्ट होने में भी दिलचस्पी नही दिखाई। जब मामला उजागर हुआ तो शिक्षा विभाग ने सैलरी रिकवरी के नोटिस थमा दिए। 

शिक्षकों का तर्क है कि गलती विभाग की है, हमने तो पूरा काम किया और उसका वेतन लिया है। दोनों ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। रणवीर सिंह कुशवाह प्रधानाध्यापक को 21 अगस्त 2014 को रिटायर किया जाना था, लेकिन 21 अगस्त 2016 को रिटायर किया गया। 

शिक्षकों के वेतन, भत्ते और इंक्रीमेंट का रिकॉर्ड एवं सेवा पुस्तिका संकुल केंद्र पर रखी जाती है। संकुल प्रभारियों की लापरवाही के कारण दोनों शिक्षकों के रिटायरमेंट के दिन का ध्यान नहीं रखा। जबकि हर साल वेतन का सत्यापन कर रिकॉर्ड भोपाल भेजा जाता है।

सेवा अवधि पूरी होने के बाद करीब दो साल तक वे हर माह 50 हजार वेतन लेते रहे। इस दौरान उन्हें 12 लाख का अतिरिक्त भुगतान किया गया। पेंशन प्रकरण ट्रेजरी पहुंचा तो उनके सारे क्लेम रोक दिए गए। 

इसी तरह नवल किशोर सोनी प्रधानाध्यापक, 31 मई 2016 को रिटायर होना था। लेकिन उनसे 101 दिन ज्यादा काम कराकर रिटायर किया गया। सोनी पर एक लाख 51 हजार की रिकवरी निकाल दी है। मामले में शिवपुरी की डीपीसी शिरोमणि दुबे ने बताया कि संकुल केंद्र की जि मेदारी है कि सेवा पुस्तिका का रिकॉर्ड अपडेट रखे। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए शासन द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए।