राघवेन्द्र को मिला पिछोर के पहलवान को पछाड़ने का टास्क

भोपाल। कल तक एक गली में गैस ऐजेंसी चलाने वाले राघवेंद्र शर्मा बाल आयोग के अध्यक्ष बनकर लालबत्ती में सवार तो हो गए लेकिन बत्ती की यह सवारी अब उन्हें महंगी पड़ने वाली है। आरएसएस ने उन्हें पिछोर में घुसकर पहलवान को पछाड़ने का टास्क दिया है। 

भोपाल में भाजपा के संगठन सह महामंत्री वी सतीश ने संघ के इस निर्णय से मप्र के सभी दर्जा प्राप्त मंत्रियों को अवगत कराया। संघ का अनुमान है कि मप्र में शिवराज सरकार और स्थानीय विधायकों के तीव्र विरोध के चलते कुछ सीटें हाथ से सरक जाएंगी। ऐसे में जो सीटें पिछली बार हार गए थे, उन्हें जीतकर क्षतिपूर्ति की जा सकती है। मंत्री/विधायक अपने अपने क्षेत्रों में सक्रिय हैं ऐसे में निगम, मंडल, प्राधिकरण और आयोग के अध्यक्ष/उपाध्यक्षों को यह काम सौंपा गया है। वो हारी हुई सीटों पर जाएं और बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करें। 

मप्र में पिछली दफा कुल 64 सीटों पर भाजपा चुनाव हार गई थी। शिवपुरी जिले में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं। इनमें शिवपुरी विधानसभा पर यशोधरा राजे सिंधिया काम कर ही रहीं हैं। पोहरी जीती हुई सीट है, प्रहलाद भारती वहां सक्रिय हैं और विरोध भी नहीं है। कोलारस फिलहाल कांग्रेस के रामसिंह यादव के पास है, लेकिन भाजपा के करोड़पति दावेदार भी यहां सक्रिय हैं। उम्मीद है अगली बार कोलारस भाजपा के पास वापस लौट आएगी। करैरा फिलहाल शकुंतला खटीक के पास है परंतु ओमप्रकाश खटीक की नजरें लगातार बनी हुईं हैं। कुछ और भी दिग्गज हैं जो इस सीट पर काम कर रहे हैं। 

अब बचती है पिछोर। यह कांग्रेस के पहलवान केपी सिंह की सीट है। राघवेन्द्र शर्मा शिवपुरी जिले से आते हैं। अत: उनके खाते में पिछोर सीट जाएगी। यहां उन्हें प्रमुखता से काम करना है और इस सीट को केपी सिंह से छीनना है। संघ ने चुनौती दे दी है, अब देखना यह है कि राघवेन्द्र चुनौती स्वीकार कर भी पाते हैं या...।