जनमानस का एक सवाल: शिवान्स क्लीनिक से कितने मिले सीएमएचओ सहाब

सतेन्द्र उपाध्याय/शिवपुरी। पिछले 2 हफ्ते पूर्व फिजीकल क्षेत्र में स्थित एक झोला छाप डॉक्टर की प्राईवेट क्लीनिक में डॉ. की अनुपस्थित में महिला का ऑपरेशन करने के लिए डाक्टर की पत्नि ने उसे बेहोश कर क्लीनिक से बहार आ गई थी। क्लीनिक में उपस्थित डॉ के कंपाउंडर ने उसका बलात्कार करने की कोशिश का मामला सुर्खियो में आया था। 

बताया गया था कि महिला को होश आ गया था और कंपोडर उससे अपत्तिजनक हरकत कर रहा था विरोध स्वरूप महिला ने कंपोडर को चाटा मार दिया। इस मामले में पास में स्थित फिजीकल चौकी पर इस मामले की रिर्पोट कर दी थी। महिला के बयानो के आधार पर डाक्टर मलिक के कपोंडर पर बलात्कार के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया था। 

इस मामले को कलेक्टर शिवपुरी ने संज्ञान में लेते हुए शिवपुरी सीएमएचओ डॉ विष्णु खरे को इस क्लीनिक के ऊपर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के पालन में सीएमएचओ ने एक टीम इस शिवांश क्लीनिक के कागज चैक करने के आदेश दिए ओर इस टीम ने क्लीनिक पर जाकर डॉक्टर के पूरे कागजात चैक किए तो पाया कि नियम अनुसार यह डॉक्टर किसी भी तरह का ईलाज नही कर सकता। सीएमएचओ ने प्रेस को अधिकृत बयान दिया था कि इस डॉक्टर पर कार्रवाई होगी। 

लेकिन इस घटना के पूरे 2 ह ते गुजर जाने के बाद वह डॉक्टर बडे ही आन-बान-शान से अपना क्लीनिक खोलकर बैठा है और मरिजो का ईलाज भी कर रहा है। और शिवपुरी के कलेक्ट्रेट और स्वास्थय विभाग के कर्मचारियों की रेट भी ओपन कर रहा है। 

इस पूरे प्रकरण में शिवुपरी समाचार डॉट कॉम ने सीएमएचओ से बात की तो उन्होने कहा कि इस प्रकरण की फाईल कलेक्ट्रेट भेज दी गई है कार्रवाई वही से होगी। सीएमएचओ के इस बयान से एक सवाल का जन्म होता है कि जिले के सीएमएचओ को एक झोला छाप डॉक्टर पर कार्रवाई करने के अधिकार नही है.......

लेकिन इससे पहले ाी कई सीएमएचओ ने सीधे झोलाछाप डॉक्टरो पर कर्रवाई कर उनकी दुकाने शील्ड भी की है। इस मामले में ऐसा क्यो नही हुआ। क्यो सीएमएचओ ने इस शिवांस क्लीनिक को शील्ड नही किया। 

इस रेप टू अटे ड के काण्ड में स्वास्थय विभाग का एक काला सच बहार आया था कि बेहोश करने के लिए एमबीबीएस डॉक्टर को भी मरीज को बेहोश करने के लिए  ऐनिथिसिया एक्सपर्ट डॉक्टर को बुलाना पडता है। परन्तु तो शिवपुरी मे ंएक झोला छाप डॉक्टर सरेआम ओटी ऑपेरट कर रहा है। और लोगो को बेहोश कर ऑपरेशन कर रहा है। यह मामला स्वास्थय विभाग के भ्रष्टाचार की कलई खोलता है। 

जांच पर भी उठे सवाल
जैसा कि यह मामला सीधे कलेक्टर शिवपुरी ने संज्ञान में लेते हुए स्वास्थय विभाग से जांच करवाई। जांच टीम ने सिर्फ कागजात चैक करे क्यो.......क्यो टीम ने इस क्लीनिक पर छापा मार कार्रवाई कर झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक को सील किया.........डाक्टर के पास रखी बेहोश करने की दवाई क्यो जब्त नही की। 

सीएचएचओ बता रहे है कि जांच रिर्पोट कलेक्ट्रट भेज दी गई है। परन्तु यह जांच रिर्पोट कलेक्ट्रेट नही पहुंची है। सीएमएचओ सीधे ही कार्रवाई क्यो नही कर रहे। इस पूरे प्रकरण में सीएमएचओ संदिग्ध नजर आ रहे है। और जनमानस सीएचएचओ से पूछ रहा है कि इस प्रकरण में कितने मिले सीएचएचओ साहब.......................