पटवारियो से परेशान किसान: कम्प्यूटर से गायब खसरा की फसले

विवेक ब्यास/कोलारस। कोलारस-बदरवास में स्थापित की गई कम्पयूटर लेबों का पटवारियों द्वारा कोई उपयोग नहीं किया जा रहा हैैै। राजस्व विभाग में पदस्थ अधिकतर पटवारियों की कम्प्यूटर में दक्षता का अभाव होने के कारण अधिकारियों को खासी परेशानी का सामना करना पड रहा है। 

पटवारियों की हीलाहवाली के चलते केवल उन कार्यो पर ही बिशेष गौर किया जाता है जो या तो कमिश्रर द्वारा निर्देशित होते है या जिला कलेक्टर द्वारा,स्थानीय प्रशासन के आदेशों का उन पर कोई असर नही हो रहा है। 

कोलारस सहित बदरवास अंचल में कई ऐसे पटवारी पदस्थ है जिन्हे खासा राजनेतिक संरक्षण प्राप्त होने से वे कभी कभी अधिकारियों पर भी भारी पड जाते है। उनकी ताकत का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन पटवाारियों पर तीन से चार हल्का तक अपने पास रहते है। 

बताया जा रहा है कि इस समय कोलारस का किसान और आम आदमी पटवारियों से पेरशान है। वे सिर्फ कागजी घोडे दौडा रहे है। जमीन पर कुछ और है कागजो में कुछ ओर। ग्रामीण अंचलों में पैदा हो रही फसलों का यदि सही सर्वेक्षण कर क प्यूटर में दर्ज किया जाता है तो इसके कई लाभ है प्रथम तो सबसे महत्वपूर्ण लाभ प्रधानमंत्री बीमा योजना का सही निर्धारण हो सकेगा।

रजिस्टियाँ कराने में सही उपकर निर्धारण हो सकेगा,के सी सी बनाने में सही राशि बैंक द्वारा निर्धारित की जा सकेगी,आगामी समय में आपातकालीन स्थिति होने पर सही मुआवजा का निर्धारण हो सकेगा,सबसे महत्वपूर्ण बात कोलारस विधानसभा के किसानों को पटवारियों के पीछे घूमने से निजात मिल जाएगी। 

हालाकि कुछ पटवारियों द्वारा इसे खसरे में तो अंकित कर लिया जाता है किंतु क प्यूटर में अधिकतर पटवारी इसे अंकित नही करते। इस गैर जि मेदारान रवैया के कारण अपनी फसल क प्यूटर में दर्ज कराने के लिये किसानों को पटवारियो सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों के चक्कर काटने पडते है। राजस्व विभाग से जुडी यह वह सूक्ष्म किंतु जटिल समस्या है जिस पर कोई अधिकारी फोकस करने का प्रयास नहीं करता यदि राजस्व अमला एवं बरिष्ट अधिकारी इस ओर गौर कर समाधान का प्रयास करते है तो जनता की नजर में यह एक रचनात्मक कदम होगा।