सर्राफा हड़ताल बरकरार, झूठी अफवाहों को नकारा

शिवपुरी। गत दिवस कुछ समाचार पत्रों ने सर्राफा व्यापारियों की हड़ताल को खत्म करने संबंधी समाचार प्रकाशित किया। इससे सर्राफा के हड़तालियों में निराशा छा गई और इस खबर उन्होनें पुरजोर विरोध किया। 

सर्राफा ऐसोसिएशन ने इस तरह के समाचार प्रकाशनों पर दु:ख जताया और उन समाचारों पत्रों के खिलाफ वादाखिलाफी की जिन्होंने इस सर्राफा हड़ताल को तोडऩे का प्रयास किया।

बीती 30 मार्च से जारी सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि यह हड़ताल निरंतर जारी है और 10 अपै्रल तक संविधान के नियमानुरूप 40 दिनों तक अपने अधिकार के लिए हड़ताल की जा सकती है को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार से मांग की है कि सरकार सोने चॉदी  पर लगाई गई एक्साईज ड्यूटी वापिस ले व सोने-चांदी की खरीदी में अनिवार्यता पेनकार्ड एवं खरीद संबंधी दस्तावेजों पर लगाया गया पाबंदी आदेश वापिस लें, अन्यथा की स्थिति में अब सर्राफा एसोसिएशन इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेगी।

आज हिन्दु नर्व वर्ष के दिन आज शहर के सर्राफा व्यवसाईयो ने अपनी-अपनी दुकाने खोली। बताया गया है कि यह दुकाने नव वर्ष के उपलक्ष्य में साफ-सफाई और पूजा-पाठ के लिए खोली गइे और दोपहर को दुकाने फिर बंद कर दी गई। 

आज रहेगा पूरा प्रदेश बंद
मप्र में सर्राफा एसोसिएशन की हड़ताल का विकराल रूप 9 अप्रैल को देखने को मिलेगा। यहां सर्राफा एसोसिएशन के राष्ट्रीय आह्वान पर संपूर्ण देश में बंद का ऐलान किया गया है। इसी क्रम में मप्र बंद को लेकर सर्राफ एसोसिएशन तैयारी कर रहाहै। 

9 अप्रैल शनिवार के दिन संपूर्ण प्रदेश भर की सर्राफा दुकानें बंद रहकर इस प्रतिकार दिवस में शामिल होंगे और केन्द्र सरकार के इस मनमाने रवैये का विरोध करेंगें साथ ही मांग की जाएगी कि वह अपने द्वारा बजट में जो बिल सर्राफा व्यावसाईयों के विरोध में पास किया गया है उसका अवलोकन करें और सर्राफा व्यावसाय को बचाना है तो इसके लिए बिल में संशोधन करें अन्यथा विरोध और उग्र होकर अब सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा।