लुढकते ढरकते बाल-गोपालों से मिलने नही आए कलेक्टर

शिवपुरी। आज शिवपुरी शहर की सड़को पर न्याय मांगने बालगोपाल उतर आए, वे हाथ में तख्ती लेकर न्याय की आस में लुढकते-ढरकते कलेक्टर अंकल से न्याय मांगने कलेक्ट्रेट पहुंचे। परन्तु कलेक्टर अंकल नही मिले। 

इस कडी धूप में नन्हे-मुन्हे हाथो में तख्ती लेकर कलेक्टर से न्याय की उम्मीद में कलेक्टर शिवपुरी को अपनी मांगो से भरा ज्ञापन सीएम के नाम देने गए थे परन्तु कलेक्टर दुबे को इन बालगोपालों पर दया नही आई और इनसे मिलना मुनासिब नही समझा और अपनी जगह अपर कलेक्टर को ज्ञापन लेने पहुंचा दिया।

विदित हो कि पिछले 4 दिन से हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने पालक शिक्षा संघ धरने पर बैठा है पालक शिक्षा संघ प्राईवेट स्कूलों मे प्राईवेट प्रकाशकों की पुस्तकों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने का विरोध कर रहा है।  इसी क्रम आज पालको के साथ इस आंदोलन में स्कूली बच्चे भी शमिल हो गए। बच्चो ने आज रैली निकाल कर सीएम शिवराज सिंह के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है। 

यह लिखा बच्चो ने सीएम के नाम ज्ञापन में 
सीबीएसई, एमपी बोर्ड एवं उच्च न्यायालय की एनसीईआरटी के बाद भी हमारे ऊपर प्राइवेट प्रकाशनों की महंगी किताबों का भारी बोझ लाद दिया गया है, इस कारण एक तरफ तो बस्ते के बोझ से हमारी कमर टूट रही है दूसरी तरफ ट्यूशन फीस, एडमिशन फीस एवं बस फीस के साथ-साथ महंगी किताबें, स्कूल ड्रेस टाई बेल्ट, जूते मौजे आदि के नाम पर निजी विद्यालय संचालक हमारे माता-पिता को लूट रहे हैं। 

करोड़ों रुपये कमाने के बाद भी स्कूल संचालक सेवा समिति के नाम पर शासन से टैक्स छूट का लाभ उठा रहे हैं एवं बस फीस में मोटी रकम लेने के बावजूद भी खटारा बसों में हमें ढूंस-ढूंसकर भरा जाता है। 

स्कूलों में कूलर पंखे भी ठीक ढंग से न होने के कारण हम परेशान होते हैं। इन स्कूलों की मनमर्जी की जांच पूर्व में कलेक्टर अंकल ने भी की थी, परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई।