संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का शंखनाद,21 को रहेगें अवकाश पर

शिवपुरी। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ म.प्र. के आह्वान पर जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने म.प्र.शासन के खिलाफ अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर शंखनाद कर दिया है। कर्मचारी 21 दिस बर 2015 को अवकाश पर रहेंगे। 

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष श्रीमती मंजू शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण परियोजना एन.एच.एम., आई.डी.एस.पी., आर.एन.टी.सी.पी. एड्स, एन.व्ही.बी.डी.सी.पी., सहित रेगुलर संविदा के कर्मचारी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर 21 दिस बर 2015 को सामूहिक अवकाश लेकर स्थानीय कैलामाता मंदिर, राजेश्वरी रोड़ से दोपहर 12:30 बजे शंतिपूर्ण रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुॅचकर मु यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिलाधीश को सौपेंगे। 

सामूहिक अवकाश से जहां स्वास्थ्य सेवाऐं प्रभावित होगी, वहीं विभाग में दैनिक कामकाज भी ठप्प हो जाएग, यहां तक की सूचनाऐं भी विभाग यहां से वहां नहीं पहॅुचा पायेगा। संविदा कर्मचारियों ने मानवीयता को ध्यान में रखते हुये एमरजेंसी सेवाऐं बाधित न करने का निर्णय लेते हुये इन सेवाओं में जुडे कर्मचारियों को सेवाओं पर उपस्थित रहने का आग्रह किया है।

जिससे कोई अप्रिय घटना घटित न हो। डॉ.शीतल प्रकाश व्यास, जिला संगठन महामंत्री ने सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों से अपील की है, कि इस अन्याय व शोषण की लड़ाई में अधिक से अधिक सं या में स्थानीय कैला माता मंदिर, राजेश्वरी रोड़ शिवपुरी पर उपस्थित होना सुनिश्चित करें।

एनआरएचएम के संविदा कर्मचारियों के श्रम का शोषण कब तक 
प्रदेश में संविदा कर्मचारियों का तथा स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एनआरएचएम संविदा कर्मचारियों का श्रम का शोषण किया जा रहा है। संविदा कर्मचारियों को लक्ष्य आधारित सुबह आठ बजे से रात्रि 12 बजे तक अस्पताल में कार्य करना पड़ता है। किन्तु उन्हें वेतन भी समय पर नसीब नहीं होता।

कई विकास खण्डों में चार-चार माह से संविदा कर्मचारियों को वेतन वितरित नहीं किया गया है। लक्ष्य आधारित न होने पर उनका अल्प पगार भी काट दिया जाता है। प्रदेश के शासकीय संविदा कर्मचारियों तथा एनआरएचएम के कर्मचारियों ने मानव अधिकार आयोग तथा सीएम से मांग की है कि आखिर हमारा भविष्य क्या है।

 हमें समय पर भी अल्प वेतन नहीं मिलता न ही हमारा जीपीएफ कटता है। न ही भविष्य में हमें स्थाई करने की कोई नीति नहीं बनाई गई है। जिससे एनआरएचएम के संविदा कर्मचारी मानसिक उत्पीडऩ तथा आर्थिक उत्पीडऩ के शिकार हैं।