अमानक पॉलिथिन का हो रहा धड़ल्ले से उपयोग, नपा प्रशासन नींद में

शिवपुरी। जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में अमानम पॉलीथिन का उपयोग एवं बिक्री खुलेआम जारी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश धूल खा रहे हैं। कचरे के ढेर में पड़ी पॉलीथिन पर्यावरण व पशुओं को नुकसान पहुंचाने के साथ ही नालियों के चौक होने का कारण भी बन रही हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ महीनों पहले नगर पालिका द्वारा अमानक पॉलीथिन के उपयोग को लेकर मुहिम चलाई गई थी जिसमें नगर पालिका ने अधिक मात्रा में पॉलीथिन जब्त कर कार्रवाई की थी लेकिन इसके बावजूद भी बाजार में पॉलीथिन का चलन हैं। अमानक पॉलीथिन के खतरों कोक लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। इसके उपयोग के दूरगामी भयावह परिणामों को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल (राष्ट्रीय हरित कोर) ने 40 माईक्रॉन से कम की पॉलीथिन के उपयोग, निर्माण और बिक्री पूरी प्रदेश में प्रतिबंधित की थी। 

इसके बावजूद जिले में इन आदेशों को दो वर्ष बीत जाने के बावजूद प्रतिबंधित पॉलीथिन पर रोक लगाने के लिए कोई कार्रवाई नही की गई। जिसके चलते पूरे जिले में इसका विक्रय और उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। फल-सब्जी, किराने का सामान सहित तमाम खाद्य पदार्थ पॉलीथिन में ही दिए जा रहे हैं। एनजीटी के निर्देशानुसार कलेक्टर व नगर निकायों को इस आदेश का पालन करवाना था। 

नालियों एवं वार्डों में लगे कचरे के ढेर में बड़ी संख्या में पॉलीथिन पड़ी देखी जा सकती है। नालियों में जमा ये पॉलीथिन नष्ट नहीं होती और नालियां चौक हो जाती हैंँ जिससे पानी जमा होने लगता है। इसके साथ ही कचरे के ढेर में पड़ी पॉलीथिन को गाय व अन्य जानवर खा लेते हैं, जिससे उनकी जान जाने का खतरा भी उत्पन्न होता है।  

एनजीटी के निर्देश
नगरीय निकायों में जागरूकता के लिए वार्डों में बैठकें आयोजित की जाएं।
शिक्षण संस्थाओं में बच्चों को जागरूक करने के प्रयास किए जाएं, जिससे बच्चे घरों में जाकर अने माता-पिता को पॉलीथिन का उपयोग न करने के लिए प्रेरित करें। 
पॉलीथिन निर्माताओं स्टॉकिस्टों तथा फुटकर विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
ईको फे्रंडली तथा बायोडिग्रेडेबल कैरी बैग्स को प्रोत्साहित किया जाएँ 
बाजारों, मॉल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स आदि में अभियान चलाकर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी फुटकर व्यापारी या अन्य प्रतिबंधित पॉलिथिन बैग नहीं देगा। 

ये खतरे
पॉलीथ्ज्ञ्क्रि की पन्नियों से नल, सीवर, नालियों तथा मिट्टी में पानी का प्रवाह रुकता है। 
यह जलने में विषाक्त गैस उत्पन्न करती है, जिससे स्वास्थ्य को खतरा हैँ 
ये पशुओं के पेट में जाने पर आंतों में अवरोध उत्पन्न कर मृत्यु का कारण बनती है। 
असावधानीवश बच्चों में सांस को अवरूद्ध कर दुर्घटना का कारण बन सकती है। 
पन्नियों से धरती में वर्षा जल का रिसाव अवरूद्ध होकर भूमिगत जल स्तर का पुनर्भरण बाधित होता है। 

जुर्माने का है प्रावधान
एनजीटी ने प्रतिबंधित पॉलीथिन के उपयोग, उससे बन रहे हालात को लेकर जिम्मेदारी तय की थी। इसके तहत प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के माध्यम से सभी नगरीय निकायों को जिम्मेदार बनाया गया है। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2011 के तहत प्लास्टिक के उपयोग, उसको इकट्ठा करने, कचरे से उसको अलग कर नष्ट करवाना अनिवार्य है। निर्धारित अवधि में कार्रवाई न होने पर जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया था।