सिद्धेश्वर मेले पर संकट के बादल, नपा के उदासीन रवैये की भेंट चढ़ेगा मेला

शिवपुरी। शिवपुरी के प्रसिद्ध ऐतिहासिक महत्व के सिद्धेश्वर मेले पर संकट के बादल गहरा रहे हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर इस मेले का आयोजन होता है, लेकिन मेले की आयोजक संस्था नगर पालिका इस बार मेला लगाने के लिए उत्सुक नजर नहीं आ रही है। नगरपालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह का कहना है कि सिद्धेश्वर मंदिर समिति द्वारा मंदिर की बाउण्ड्रीवाल बनाने से स्थान छोटा हो गया है। जबकि मंदिर समिति मेला आयोजन के लिए डेढ़ लाख रूपए की मांग कर रही है।   

श्री कुशवाह कहते हैं कि मेले के लिए दूसरे स्थान का भी चयन नहीं हो सका है। ऐसे में सवाल यह है कि सिद्धेश्वर मेले का आयोजन इस बार होता है अथवा नहीं। हालांकि सिद्धेश्वर मंदिर समिति के प्रभारी एसडीएम रूपेश उपाध्याय अवश्य कह रहे हैं कि नगर पालिका ने मेले का आयोजन नहीं कराया तो वह अपने स्तर पर मेले का आयोजन करायेंगे। 

शिवपुरी में सिद्धेश्वर मेला 60 से भी अधिक वर्षों से लग रहा है। पहले यह मेला जाधव सागर के मैदान में लगता था बाद में इसका स्थान परिवर्तित कर सिद्धेश्वर मंदिर प्रांगण कर दिया गया। मेले में पहले पशु मेले और शासकीय  प्रदर्शनियों का आयोजन भी होता था। लेकिन धीरे-धीरे पशु मेला और प्रदर्शनियों का लगना बंद हो गया। बाद में टैक्स के छूट के चलते यहां वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक आयटम आदि की दुकानें भी बड़ी संख्या में लगती थीं, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा छूट समाप्त करने से यह दुकानें लगना भी बंद हो गईं, लेकिन फिर भी मेले में बड़ी दूर दूर से दुकानदार आकर यहां दुकानें लगाते हैं। 

मेले में खेल तमाशे, झूले, जादू, मौत का कुंआ, नौटंकी आदि का आयोजन भी होता था, लेकिन धीरे-धीरे सिनेमा के बढ़ते प्रभाव के चलते नौटंकी लगना बंद हो गई। मेले में खाने पीने की वस्तुओं की दुकानें भी बड़ी संख्या में लगती हैं और लगभग एक माह तक मेले के कारण शिवपुरी में रौनक का वातावरण रहता है। बाद में नगर पालिका ने मेले का समय परिवर्तित किया जिसके चलते मेला प्राकृतिक आपदा का शिकार हुआ और इसके अस्तित्व पर संकट के बादल गहराए। 

बाद मेंं मेले का आयोजन पुन: महाशिवरात्रि पर्व से शुरू करने का निर्णय लिया गया। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन, आर्केस्ट्रा, मुशायरा, कब्बाली, धार्मिक कार्यक्रम आदि भी नगर पालिका द्वारा कराए जाते हैं। सिद्धेश्वर मेला प्रागंण पहले पूरी तरह से खुला हुआ था, लेकिन विगत वर्ष में सिद्धेश्वर मेला समिति ने बाउण्ड्रीवाल कर इस स्थान को काफी छोटा कर दिया है जिससे मेले का स्थान भी काफी सीमित हो गया है। इसी कारण नगर पालिका इस वर्ष मेला आयोजन में झिझक रही है।