खतौरा कांड: भाजपा विधायक नरेंद्र कुशवाह के खिलाफ धारा 188 का प्रकरण दर्ज

शिवपुरी। एडिशनल एसपी श्री कमल मौर्य ने जानकारी दी है कि भाजपा नेता एवं भिंड विधायक नरेंद्र कुशवाह के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। यह इसलिए क्योंकि विधायक कुशवाह को मालूम था कि क्षेत्र में आचार संहिता लागू है एवं चुनाव प्रचार का समय समाप्त हो चुका है। उन्हे ऐसे सभी क्षेत्रों की सीमाओं से बाहर निकल जाना चाहिए था जहां आचार संहिता लगी है। मुंगावली से भिंड जाने के लिए बाया दतिया, सुलभ रास्ता था परंतु उन्होंने ब्हाया खतौरा जैसा दुर्गम मार्ग चुना। 

क्या होता है धारा 188 में 
लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा। इसकी परिभाषा में लिखा है। 
जो भी कोई यह जानते हुए कि वह ऐसे लोक सेवक द्वारा प्रख्यापित किसी आदेश से, जिसे प्रख्यापित करने के लिए लोक सेवक विधिपूर्वक सशक्त है, कोई कार्य करने से बचे रहने के लिए या अपने कब्जे या प्रबन्धाधीन, किसी संपत्ति के बारे में कोई विशेष व्यवस्था करने के लिए निर्दिष्ट किया गया है, ऐसे निदेश की अवज्ञा करेगा;

यदि ऐसी अवज्ञा - विधिपूर्वक नियुक्त व्यक्तियों को बाधा, क्षोभ या क्षति, अथवा बाधा, क्षोभ या क्षति का जोखिम कारित करे, या कारित करने की प्रवॄत्ति रखती हो, तो उसे किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास की सजा जिसे एक मास तक बढ़ाया जा सकता है, या दौ सौ रुपए तक के आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा;

और यदि ऐसी अवज्ञा मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को संकट कारित करे, या कारित करने की प्रवॄत्ति रखती हो, या उपद्रव या दंगा कारित करती हो, या कारित करने की प्रवॄत्ति रखती हो, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे छह मास तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक के आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

स्पष्टीकरण
यह आवश्यक नहीं है कि अपराधी का आशय क्षति उत्पन्न करने का हो या उसके ध्यान में यह हो कि उसकी अवज्ञा करने से क्षति होना संभाव्य है। यह पर्याप्त है कि जिस आदेश की वह अवज्ञा करता है, उस आदेश का उसे ज्ञान है, और यह भी ज्ञान है कि उसके अवज्ञा करने से क्षति उत्पन्न होती या होनी संभाव्य है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।