पढि़ए क्यों दर्ज हुई नपाध्यक्ष, CMO, SE और ठेकेदार पर FIR

शिवपुरी। अभिभाषक विजय तिवारी की शिकायत पर नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, सीएमओ रणवीर कुमार, उपयंत्री एसके मिश्रा, उपयंत्री केएम गुप्ता सहित ठेकेदार लवलेश जैन पर आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में मामला पंजीबद्ध हो गया है जिसकी पुष्टि आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो ग्वालियर में पदस्थ जांच अधिकारी श्री रावत ने की है। आरोपियों पर नगर पालिका परिषद को करोड़ों रूपये की राजस्व की क्षति पहुंचाने एवं गबन के आरोप हैं। 

अभिभाषक विजय तिवारी ने अपनी शिकायत में बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 जीआई सामग्री क्रय करने हेतु नगर पालिका परिषद द्वारा 90 लाख रूपये के व्यय स्वीकृति प्रदान की गई थी जिसके क्रम में नगर पालिका परिषद द्वारा निविदा विज्ञप्ति का प्रकाशन 5 मार्च 2016 को किया गया जिसमें आरोप है कि आरोपियों द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को काम दिलाने के एवज में भण्डार क्रय अधिनियम का खुला उल्लंघन कर मनमानी शर्तें जोडक़र टेंडर जारी किए गए जिसमें निकाय के अन्य ठेकेदारों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को आपत्ति एवं शिकायत दर्ज कराए जाने पर टेंडर निरस्त कर दिया गया।

कुछ समय बाद दिनांक 6 जून 2016 को इसी टेंडर को पुन: जारी कर निविदा शर्तों को अपने चहेते ठेकेदार के मन मुताबिक जारी कर दिया गया जिसमें दो ठेकेदारों पर दवाब कारित कर साईं कंस्ट्रक्शन एवं रमा इंफ्रा से टेंडर न खोलने हेतु जबरन आवेदन लिया गया जिसमें केवल साईं कंस्ट्रक्शन का टेंडर नहीं खोला गया। इसके विपरीत रमा इंफ्रा का टेंडर खोला गया। उक्त टेंडर में वाणी इंटर प्राइजेज की एक आइटम की दर न्यूनतम आई जबकि शेष आइटमों की दर अधिकतम थी। 

इसके विपरीत एक आइटम छोडक़र रमा इंफ्रा की अन्य सभी आइटमों की दर न्यूनतम थी जिस कारण दोनों फर्मों को अनुबंध संपादित किए जाने हेतु निकाय द्वारा सूचना पत्र जारी किया जाना था जो निकाय द्वारा विधि के प्रावधानों के विपरीत जाकर अवैध हित लाभ साधने के उद्देश्य से केवल एक फर्म रमा इंफ्रा को अनुबंध संपादित करने हेतु सूचना पत्र जारी किया गया। उक्त सामग्री प्रदाय करने हेतु अनुबंध 29 दिसम्बर 2016 को संपादित कर संबंधित ठेकेदार धर्मेन्द्र यादव द्वारा 80 लाख रूपये की सामग्री पूर्ण प्रदाय कर कार्य पूर्ण कर एफडीआर वापिसी हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जिसमें वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पूर्व ही ठेकेदार को एफडीआर वापिस कर दी गई। 

इसके बाद निकाय द्वारा रमा इंफ्रा के स्थान पर मामा एसोसिएट को बिना विधिवत निविदा आमंत्रित किए बिना धरोहर राशि जमा कराए लगभग एक करोड़ बीस लाख रूपये की सामग्री क्रय कर ली गई जिसकी न तो परिषद और न ही पीआईसी से स्वीकृति प्राप्त की गई और न ही कोई निविदा आमंत्रित की गई। नगर पालिका परिषद के अधिकारियों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर वित्तीय वर्ष 2016-17 में ठेकेदार लवलेश जैन की फर्म मामा एसोसिएट से माल क्रय किया गया तथा अगले वित्तीय वर्ष की पूर्व की वित्तीय प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर ही नवीन वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए बिना कोई टेंडर प्रक्रिया आमंत्रित किए सामान क्रय किया।

जिससे प्रतिस्पर्धा के अभाव में शासन को लाखों रूपये की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी। इसके अलावा नगर पालिका परिषद द्वारा हाईडेनसिटी पॉली एथिलीन पाइप (एचडीपीई) क्रय करने हेतु दिनांक 26 दिसम्बर 2015 को निविदा आहूत की गई जो पांच लाख रूपये की सामग्री क्रय करने हेतु जारी की गई थी जिसकी धरोहर राशि 25 हजार रूपये स्वीकृत की गई जबकि दिनांक 16 फरवरी 2016 द्वारा नगर पालिका द्वारा अनुराग इलेक्ट्रीकल से 4 लाख 96 हजार रूपये की उक्त सामग्री खरीद की गई। 

पुन: दिनांक 1 अप्रैल 2016 को अध्यक्षीय परिषद द्वारा 5 लाख रूपये अतिरिक्त व्यय स्वीकृति के अनुपालन में 4 लाख 99 हजार रूपये का एचडीपीई पाइप क्रय किया गया। नगर पालिका परिषद शिवपुरी के स्टॉक रजिस्टर के अनुसार लगभग 70 लाख रूपये का एचडीपीई पाइप खरीद लिया गया जबकि नियमानुसार स्वीकृति से 10 प्रतिशत तक ही अतिरिक्त सामग्री खरीदी जा सकती है।