कलेक्टर सर, इस कार्रवाई के लिए थेंक्यू, लेकिन अभी शतक लगाना बाकी है

विकास दंडौतिया,शिवपुरी। कल प्रशासन ने शिवपुरी शहर में चल रहे बिना मान्यता के 11 स्कूलो पर एफआईआर कराने के आदेश दिए है। इससे बिना मान्यता के चल रहे स्कूलो  के संचालको में हडकंप की मच गया है। बताया जा रहा है इन सभी स्कूलो की मान्यता 8वीं क्लास की थी और 10वी और 12वी क्लास तक के बच्चो के एडमिशन कर रहे थे। मिडिया के लगातार खबर प्रकाशित करने के बाद प्रशासन ने जांच उपरांत स्कूल संचालको पर मामला दर्ज कराने के आदेश दिए है। 

कलेक्टर साहब द्वारा की गई इस कार्रवाई से आमजन खुश है और उन्होंने थैंक्स भी कहा, लेकिन हम बता दें कि कुछ ही स्कूलों पर कार्रवाई करने से कुछ नहीं होगा। जिले में लगभग 100 स्कूल ऐसे हैं जो नियमों की अनदेखी कर धड़ल्ले से चल रहे हैं। 

बताया जा रहा है कि जिले की तहसीलो ओर कस्बो में ऐसे कई स्कूल संचालित हो रहे है जिन पर किसी भी प्रकार की मान्यता नही है। और कुछ ऐसे स्कूल भी संचालित हो रहे है,जिन की मान्यता कम क्लासो की है और वे मान्यता से अधिक क्लासो के धडल्ले से एडमिशन ले रहे है। 

मान्यताओ के खेल में सबसे बडी हैरानी बाली बात यह है कि बिना मान्यता बाले स्कूल छुप कर नही चल रहे है बल्कि पूरी तरह से इस धंधे के कॉम्पिटशन में लडते हुए मान्यता प्रकाशित कर अपना विज्ञापन भी कर रहे है इसके बाद भी शिक्षा विभाग नही चेतता है। 

यह सवाल बडा है कि कैसे अभी तक बिना मान्यता बाले स्कुल संचालित हो रहे थे। इन स्कुलो का मुद्दा तो मिडिया ने उठाया था। अगर मिडिया इस मुद्दे को नही उठाती तो इन स्कूलो पर कार्रवाई नही होती। अभी जिले में एक सैकडा स्कूल अभी भी बिना मान्यता के चल रहे है। 

पूरा खेल बिना शिक्षा विभाग के पार्टनरी के नही चल सकता है। सरकार ने मान्यता देने के लिए पूरा एक पैनल गठित कर रखा है। समय-समय पर स्कूलो की जांच होने की खबरे भी आती रहती है परन्तु कार्रवाई की खबर यदा कदा ही आती रहती है। 

नियमों की अनदेखी कर रहे निजी स्कूल संचालक 
जिले में लगभग एक सैकड़ा स्कूल ऐसे हैं जो शिक्षा अधिकार कानून के प्रावधानों की भी अनदेखी कर रहे हैं। इस मामले में स्थानीय शिक्षा विभाग खामोश है. यद्यपि कभी-कभार शिक्षा विभाग पत्र निकालकर नियमावली व आरटीइ के प्रावधानों के अनुपालन करने का निर्देश देकर औपचारिकता जरूर निभाता रहा है। 

निजी स्कूलों की संख्या 100 सौ से अधिक
जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के हर गली मोहल्ले में निजी विद्यालय नजर आ जाते हैं। व्यावसायिक प्रतिष्ठान की तरह निजी विद्यालय दिखने लगे हैं। जानकारों की माने तो जिले में 100 से अधिक निजी विद्यालय का संचालित हो रहे हैं जिनके पास मान्यता नहीं है और न ही वह नियमों का पालन करते हैं।