तहसील में नियम खुटी पर, अन्नदाता के नही हो रहे काम

पोहरी। पोहरी तहसील में इन दिनों जहां तहां किसान एवं आम इंसान अपने काम कराने के लिए भटकते नजर आ रहे हैं, तहसील कार्यालय पोहरी में न तो सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है और न ही नकल निकवाने के लिए अनुमोदन किए जा रहे हैं। बीपीएल राशन कार्ड हेतु भी एक साल तक हितग्राहियों को पोहरी तहसील के चक्कर लगवाए जा रहे हैं।

पोहरी तहसील में दो साल से एक व्यक्ति का सीमांकन का आदेश होने के बाद भी आज दिनांक तक सीमांकन नहीं किया गया। मचाखुर्द के आदिवासी समुदाय के लोगों को भी पात्रता की श्रेणी में पाये जाने के बाद भी बीपीएल राशनकार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। इसी तरह किसानों को आवेदन के पश्चात अनुमोदन कराने के लिए दो तीन हफ्तों तक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। किसान खेती का काम छोडक़र अनुमोदन कराने के लिए नायब तहसीलदार कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं।

प्रकरण क्रमांक 1- 
प्रेमचंद पुत्र काशीराम निवासी पोहरी पिछले दो वर्ष से सीमांकन के लिए चक्कर लगाने को मजबूर है, तहसीलदार पोहरी द्वारा काफी समय चक्कर लगवाने के बाद मई 2016 में सीमांकन हेतु आदेशतो कर दिया परंतु आज दिनांक तक आदेश पर अमल नहीं हुआ और युवक आज भी नायाब तहसीलदार कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर है। 

काशीराम पुत्र भदई प्रजापति ने बताया कि उसके स्वत्व की भूमि ग्राम हल्का 33 बिलौआ में सर्वे क्रमांक 906, 908 रकबा 2.01 हेक्टे. स्थित है जिस पर कुछ दबंगों द्वारा कब्जा कर रखा है, उक्त भूमि का सीमांकन का आवेदन दो वर्ष पूर्व मेरे द्वारा दिया गया था जिस पर माननीय तहसीलदार महोदय द्वारा आदेश पारित कर अधीनस्थ अमले को सीमांकन करने हेतु निर्देशित किया था, जिसके बाद 26 मई 2016 को शासन के हेड में चालान के माध्यम से राशि भी जमा करा दी गई परंतु आज दिनांक तक सीमांकन नहीं किया गया।

प्रकरण क्रमांक 2-
मचाखुर्द निवासी दौलतराम आदिवासी पुत्र भंवरलाल, जालिम पुत्र नैन्हू, कल्लू पुत्र चैतू आदिवासी के द्वारा एक वर्ष पूर्व बीपीएल राशनकार्ड बनवाने के लिए आवेदन दिया गया था जिस पर पटवारी रिपोर्ट मार्च 2017 में लगा दी गई एवं उक्त व्यक्ति पात्रता की श्रेणी में भी पाए गए परंतु नायब तहसीलदार द्वारा आज दिनांक तक उनके प्रकरण को जनपद कार्यालय नहीं भेजा गया जिससे जरूरतमंदों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

प्रकरण क्रमांक 3 -
गुंची पुत्र हब्बू आदिवासी निवासी उमरई की भूमि की सत्यापित नकल लोकसेवा केंद्र से निकालने हेतु 15 नबंवर को आवेदन किया गया था जिसमें अनुमोदन हेतु नायब तहसीलदार कार्यालय में अनुमोदन की रसीद प्रस्तुत कर दी गई थी परंतु आज दिनांक तक उसका अनुमोदन भी नहीं किया गया और न हीं संबंधित को नकल प्रदान की गई।

इनका कहना है कि-
मेरे संज्ञान में अभी तक कोई मामला नहीं था अब यदि ऐसा कोई मामला है तो उसका निराकरण शीघ्रता से कराया जाएगा।
अखिलेश शर्मा, तहसीलदार पोहरी