स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के चलते दो छात्राएं छत से गिरी, हालात गंभीर | KARERA NEWS



करैरा। जिले के करैरा क्षेत्र में स्थित शासकीय कन्या विद्यालय की दो छात्राएं स्कूल की छत से गिर गई। इस घटना के बाद तत्काल आनन-फानन में उक्त छात्राओं को उपचार के लिए करैरा उप स्वास्थ्य केन्द्र भेजा। जहां दोनों छात्राओं की गंभीर हालात को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया है। जहां एक छात्रा को फैक्चर आए है। जानकारी के अनुसार सपना प्रजापति और सोनम आज दोपहर के समय स्कूल की छत पर पढ़ाई कर रही थीं तभी अचानक दोनों छात्राओं के ऊपर बंदरों ने हमला कर दिया। अपने आपको बंदरों से बचाने के लिए दोनों छात्राओं ने छत से दौड़ लगा दी जिससे असंतुलित होकर दोनों नीचे गिर गई।

घटना में एक छात्रा का पैर फ्रेक्चर हो गया, वहीं दूसरी के यहां भी चोटें आई हैं। इसके बाद दोनों घायल छात्राओं को करैरा स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया, जहां एक छात्रा के यहां ज्यादा चोटें होने के चलते उसे जिला अस्पताल शिवपुरी रैफर किया गया।

स्कूल प्रबंधन की लापरवाही हुई उजागर
अब यहां सवाल यह उठता है कि जब छात्राएं स्कूल की छत पर पढऩे के लिए जाती थीं तो क्या स्कूल प्रबंधन उन्हें रोकता नहीं था, अगर रोकता तो छात्राएं छत पर कैसे जाती थीं? प्रथम द्रष्टया मामले को देखकर स्कूल प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है। स्कूल समय में छात्राएं स्कूल की छत पर कैसे जा सकती हैं? इसके लिए कहीं न कहीं स्कूल प्रबंधन भी लापरवाही सामने आती है।

प्रबंधन बोला कि बंदरों का है आंतक
आज इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन के पीटीआई टीचर जिनीश कुमार ने यह कहकर पल्ला झाडने का प्रयास किया कि उनके स्कूल में बंदरों का आतंक है। अब प्रबंधन पर सवाल उठता है कि अगर स्कूल में बदंरों का आतंक है तो फिर आज तक इस बात की शिकायत फोरेस्ट विभाग से क्यों नहीं की?दूसरा सबाल उठता है कि जब बंदरों के आंतक की इन्हें जानकारी है तो छात्राओं को छत पर जाने ही क्यों दिया?क्या प्रबंधन किसी बड़े हादसे के इंतजार में था?