पोल शिफ्टिग में घटिया केबल का उपयोग, टूटकर गिरने से बचा नैनिहाल, बड़े हादसे के इंतजार में प्रशासन

शिवपुरी। डिवाईडर निर्माण होने के कारण सड़क की चौडाई बढने से विद्युत पोल हटाकर सडक़ से कुछ दूरी पर शिफ्ट कराना आवश्यक था। इसके लिये शासन की तरफ से विज्ञप्ति जारी कर ठेकेदार को कार्य सौंपा गया था। निर्धारित समय से काफी देर से कार्य शुरू करने के बाद पोल शिफ्ट करके उस पर लगाई जाने वाली सामग्र्री की गुणवत्ता इतनी द्यटिया हैं कि लगाने के साथ ही टूट रही हैं और आम जन इसके शिकार हो रहे हैं। पोल शिफ्ट करने में उसकी फिलिंग में जो मटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा हैं उसको ठोस तरीके से नहीं भरा जा रहा हैं जिससे पोल भी केवल के वजन से झुक कर टेड़े हो रहे हैं। 

लाईन चालू रहती हैं ऐसे मे विद्युत केवल टूट कर गिरना किसी गंभीर हादसे को न्योता देने के समान हैं। केवल को खंबे से बांधने के लिये द्यटिया किस्म के प्लास्टिक के क्लेम्प का उपयोग किया जा रहा हैं। जिससे वे क्लेम्प बार-बार टूट रहे हैं और केवल गुजरने वाले राहीरों के ऊपर गिर रही हैं। केवल भी घटिया किस्म की हैं तार निकल रहे हैं कवर अभी से कट गये है। खंबे अभी से टेडे हो गये हैं और उनको लगाने मे काफी खमिया हैं स्र्टे अर्थिंग नहीं की गई हैं। प्लास्टिक के घटिया किस्म के क्लेम्प आऐ दिन टूट रहे हैं जबकी अभी तो तेज हवा तूफान आंधी भी नहीं हैं। ठेकेदार आमजन के जीवन से खिलवाड कर रहे हैं अभी हाल ही में तार टूट कर पप्पू यादव पुत्र जितेन्द्र यादव उम्र 4 वर्ष के उपर गिर जाने से अफरा तफरी मच गई थी। लेकिन लाईट न होने से कोई अनहोनी होने से बच गई थी । 

ठेकेदार से इस संवध में जब पोल के आसपास के लोगो ने शिकायत की तो उसने इस प्रकार की साम्रगी का उपयोग करने का ही इस्टीमेट मे लिखा होना बताया हैं। अब चाहे केवल टूट कर गिरे अथवा लगी रहे इससे मुझे कोई मतलब नही हैं यह विधुत विभाग के लिये नई परेशानी खडी करके जा रहे ठेकेदार राजेश सक्सेना की कार्यप्रणाली जिसमें आज वे काम करके अपना भुगतान लेकर चलेे जाऐगे। किंतु आए दिन खंबे गिरने और केवल टूटने से होने वाली समस्याओं पर कार्य विधुत विभाग को करना पड़ेगा और नगर के लोगो को इस समस्या से जूझना पडेगा।

नगर के लोगों ने विद्युत पोल शिफ्ट करने में पोल की फिलिंग मे टोस सामग्री का उपयोग करने और केवल को खम्बे से बांधने में द्यटिया प्लास्टिक के क्लेम्प की जगह मजबूत क्लेम्प लगवाने की मांग वहां के रहवासियों ने की हैं ताकि आगामी भविष्य में होने वाली किसी अनहोनी दुर्घटना से बचा जा सके।  

इनका कहना है-
हमे अभी डिवाईडर बनाने वाले ठेकेदार को चाल देना हैं अगर शिकायत आऐगी तो हम बदल देगे। क्लेम्प प्लास्टिक की ही लगाना हैं हमारे यही स्टीमेट मे हैं। लोहे की क्लेम्प से करेन्ट आता हैं केविल और क्लेम्प की गुणवत्ता स्टीमेट के अनुसार ठीक है। अभी हमने विभाग को नही सौंपा हैं ।
राजेश सक्सेना, ठेकेदार विद्युत पोल शिफ्टिंग

हमे कमी दिखेगी तो हम विभाग  के वरिष्ट अधिकारियो को लिखेंगे। केविल टूटने की शिकायत आई थी हमने सुधरवा दिया हैं वैसे सब ठेकेदार की जिम्मेदारी हैं 
राहुल तिवारी, जे.ई. विद्युत विभाग