छात्रों की ट्रिप: दो-दो टन के फानुस और चांदी की ट्रेन देख कर आश्चर्यचकित हो उठे छात्र

शिवपुरी। पुरातात्विक धरोहर में शामिल आठवीं शदी में निर्मित राजा मान सिंह तोमर के ग्वालियर किले की भव्यता और इसके एतिहासिक महत्व को शिवपुरी आदर्श नगर मावि के बच्चों ने पर्यटन स्थल भ्रमण के शैक्षणिक भ्रमण के दौरान निकट से जाना। इस दौरान स्कूली बच्चों ने जैव विविधता के केन्द्र ग्वालियर के महात्मा गांधी चिडिय़ाघर का भ्रमण भी किया और वन्यजीवों की विभिन्न प्रजातियों को समक्ष में देखा। भ्रमण दल के स्कूली बच्चों को लेकर बस उरबाई गेट से किले के ऊपर गई।

इस सडक़ के आसपास की बड़ी बड़ी चट्टानों पर जैन तीर्थंकरों की अतिविशाल मूर्तियां बेहद खूबसूरती से और बारीकी से गढ़ी गई थीं। किले की तीन सौ पचास फीट उंचाई इस किले के अविजित होने की गवाह है। इस किले के भीतरी हिस्सों में मध्यकालीन स्थापत्य के अद्भुत नमूने स्थित हैं। पन्द्रहवीं शताब्दी में निर्मित गूजरी महल उनमें से एक है जो राजा मानसिंह और गूजरी रानी मृगनयनी के गहन प्रेम का प्रतीक है इस महल के बाहरी भाग को उसके मूल स्वरूप में राज्य के पुरातत्व विभाग ने प्रयास सुरक्षित रखा है किन्तु आन्तरिक हिस्से को संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया है जहां दुर्लभ प्राचीन मूर्तियां रखी गई हैं जो कार्बन डेटिंग के अनुसार प्रथम शती ईस्वी की हैं। 

आदर्श नगर स्कूल के ये छात्र छात्रा ग्वालियर के जय विलास पैलेस को देखने भी गए जो सिंधिया राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल ही नहीं एक भव्य संग्रहालय भी है। इस महल के 40 कमरों को संग्रहालय बना दिया गया है। इस महल का ज्यादातर हिस्सा इटेलियन स्थापत्य से प्रभावित है। इस महल का प्रसिद्ध दरबार हॉल महल के भव्य अतीत का गवाह है, यहां लगा हुए दो फानूसों का भार दो दो टन है जिन्हें देख इस स्कूली छात्र छात्राओं के दल ने विस्मय जाहिर किया। 

वहां बताया गया कि इन फानूंसों को जब टांगा गया जब दस हाथियों को छत पर चढ़ा कर छत की मजबूती मापी गई थी। इस संग्रहालय का मुख्य आकर्षण चांदी की रेल जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं और विशिष्ट दावतों में यह रेल पेय परोसती चलती है, इसेक भी देखा महल में इटली, फं्रास चीन तथा अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां यहाँ हैं। बच्चों को यह सब बहुत लुभावन लगा। 

सिंधिया के स्टाफ ने दिलाई टिकट में छूट
शिवपुरी जो कि सांसद ज्योतिरादित्य का संसदीय क्षेत्र है यहां के सरकारी स्कूल के बच्चे जब जय विलास पहुंचे और वहां का टिकट 120 रुपए प्रति व्यक्ति सुना तो चेहरों पर मायूसी उतर आई और यह दल वापस लौटने लगा और इसकी जानकारी सांसद श्री सिंधिया के स्टाफ को इस बात की जानकारी लगी तो तत्काल ही संसदीय क्षेत्र के बच्चों के भ्रमणदल का टिकट आधा कर दिया गया।