मां और बेटी के शव एक साथ पहुंचे मुक्तिधाम, लोग आंसू नहीं रोक पाए

शिवपुरी। शहर के राजपुरा रोड निवासी सेन परिवार पर आज उस समय दु:खों का पहाड़ टूटपड़ा जब एक सडक़ हादसे में माँ बेटी की दर्दनाक मौत हो गई,आगे 2 साल की मासूम बेटी का शव और पीछे माँ की अर्थी को देख ऐसा कोई व्यक्ति नही रहा जिसकी आँखों से आँशू न झलके हों। यह घटना ग्वालियर के मोहना थाना क्षेत्रान्तर्गत घटित हुई है,पुलिस ने मामला संज्ञान में ले लिया है। जानकारी के अनुशार महेश सेन उम्र 30 साल निवासी राजपुरा रोड पुरानी शिवपुरी आज प्रात: के समय अपनी पत्नी  ममता सेन उम्र 28,बेटी शिवांगी उम्र 2 साल के साथ अपने घर से ग्वालियर के लिए निकला था।

बताया गया है कि महेश पत्नी और बेटी के साथ पैसेंजर ट्रैन में सवार होकर ग्वालियर के लिए निकला था लेकिन ट्रैन के मोहना पहुँचते ही वह पत्नी और बेटी के साथ मोहना पर उतर कर अपने साडू जो की मोहना निवासी है,के घर जा पंहुचा और यहाँ भोजन करने के बाद मोटरसाइकिल पर सवार होकर ग्वालियर के लिए रबानगी डाल दी।

इनकी मोटरसाइकिल हाइबे पर पहुँची ही थी की एक असन्तुलित ट्रक ने पीछे से इनकी बाइक में टक्कर मार दी। बताया गया है कि इस हादसे में ट्रक की टक्कर पड़ते ही महेश बाइक से उछलकर दूर जा गिरा जबकि उसकी पत्नी ममता और बेटी शिवांगी ट्रक के नीचे आ गईं,जिनके सिर पर ट्रक का पहिया चढ़ गया।

इस दर्दनाक हादसे में माँ बेटी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि महेश सेन गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना की जानकारी लगते ही मौके पर पहुची पुलिस ने माँ बेटी के शवों को पीएम हाउस भेज मामला दर्ज कर ट्रक को पकड़ लिया है जबकि इसका ड्रायवर मौके से फरार हो गया जिसकी पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।

माँ का चेहरा देखने बिलखती रहीं मासूम बेटियां
आज सडक़ हादसे में जो महिला ममता सेन काल के गाल में समा गई उसकी चार बेटियाँ थी जिनमे शिवांगी सबसे छोटी बेटी थी जिसे वह अपने साथ ले गई थी और शेष 3 बड़ी बेटियां घर पर ही थीं। 

जब इन मासूमों को पता चला की उनकी माँ और छोटी बहन की सडक़ हादसे में मौत हो गई है तो वह बेसुध हो गई। साँझ ढलते के बाद जब ग्वालियर से मृत माँ बेटी के शवों को शिवपुरी लाया गया तो ये तीनों मासूम बच्चियां अपनी माँ और छोटी बहन का चेहरा देखने के लिए बिलखती नजर आईं।

उनका कहना था कि हमे अपनी माँ और बहन को तो दिखा दो,यहां बता दे की दोनों मृतकों के शव छतविछत अवस्था में थे इस कारण इन्हें किसी को भी दिखाए बिना ही चंद मिनटों में घर से मुक्तिधाम के लिए लेकर चले गए।