अधीक्षक ने डाला शौचालय मेें ताला, कहा नही तुम्हारी औकात, छात्र पहुंचे कलेक्ट्रेट

शिवपुरी। जिले के कोलारस अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले बदरवास तहसील के शासकीय बालक सिनियर उत्कृष्ट अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावास के छात्र आज अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर जिलाधीश कार्यालय पहुंचे जहां उन्होने अपने साथ छात्रावास अधीक्षक द्वारा दी जा रही प्रताडऩाओं की शिकायत एक आवेदन के माध्यम एडीएम डॉ. एके रोहितगी से की जिस पर उन्होंने तत्काल सभी छात्रों को कार्यवाही के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग की अधीक्षिका शिवाली चतुर्वेदी के पास पहुंचा। जिन्होंने छात्रों की समस्या को गंभीरता पूर्वक सुनते हुए तत्काल प्रभाव से छात्रावास अधीक्षक को हटाने की कार्यवाही के निर्देश दिए और पूरे मामले की बारीकी से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने की बात कहीं है।  

जानकारी के अनुसार बदरवास तहसील के शासकीय बालक सीनियर उत्कृष्ट अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावास के बच्चों को न तो अधीक्षक द्वारा समय पर खाना दिया जाता है न ही पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाती है। इतना नहीं 50 सीटर छात्रावास होने के बाद भी वहां कागजों में तो पूरे बच्चे दर्शाये जाते हैं लेकिन उपस्थित केवल 30 से 35 बच्चे ही रहते हैं। उनको भी नास्ते में सिर्फ और सिर्फ पोहा ही दिया जाता है। 

जिसकी शिकायत बच्चों ने समय-समय पर स्थानीय प्रशासनिक अमले से भी की लेकिन इसके बाद में भी न तो तहसीलदार ने कार्यवाही की और न ही एसडीएम ने। तब आज बच्चों ने ट्रेन के माध्यम से शिवपुरी जिलाधीश कार्यालय पहुंचे जहां एक आवेदन के माध्यम से अपने साथ घटी घटना की जानकारी जिला प्रशासन को दी। जिस पर जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग शिवाली चतुर्वेदी ने छात्रों की समस्या को गंभीरता पूर्वक सुनते हुए छात्रावास अधीक्षक वीरेन्द्र रघुवंशी को तत्काल हटाने के आदेश दिए और पूरे प्रकरण जांच कराने के निर्देश दिए। 

तुम्हारा अधिकार नहीं तुम शौचालय शौंच के लिए जायें
शासन एक ओर जहां पर गांव-गांव गली-गली में शौचालय बनाने का कार्यक्रम चला रही है। जिससे गंदगी न फैले, प्रधानमंत्री द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान को सूचारू रूप से चलाने के लिए जगह-जगह पर शौंचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन शासकीय योजना के विपरीत छात्रावास अधीक्षक  वीरेन्द्र रघुवंशी द्वारा छात्रावास में निवास करने वाले छात्रों को खुले में शौंच कराने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वहीं छात्रावास अधीक्षक द्वारा छात्रावास में बने शौंचालयों में ताला डाल दिया गया है। उनका कहना है कि तुम्हारी शौचालय का उपयोग करने का अधिकार नहीं है। जिससे छात्रों को रात हो या दिन खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

एस.डी.एम ने मुझे निरीक्षण का कोई मैसेज नहीं दिया शिवाली
कोलारस अनुविभाग के एसडीएम एके प्रजापति ने जब बदरवास छात्रावास का निरीक्षण किया तो उन्होंने छात्रावास में कई प्रकार की खामियां पाई गई और छात्रों की समस्याओं को भी बारीकी से सुना और पूरी रिपोर्ट तैयार की गई इसके बाद भी छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। निरीक्षक के एक सप्ताह तक छात्रों को इंतजार करने के बाद समस्या का कोई समाधान होने के उपरांत आज सुबह बदरवास से दर्जनों छात्र रेल द्वारा शिवपुरी जिलाधीश कार्यालय पहुंचे जहां पर एडीएम डॉ. एके. रोहितगी से की जिन्होंने तत्काल जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग की संयोजक के पास छात्रों को भेजा जहां छात्रों ने बताया कि एक सप्ताह पहले एसडीएम साहब ने भी छात्रावास का निरीक्षण किया था लेकिन कार्यवाही कुछ भी नहीं हुई। जिस पर तपाक से संयोजिका बोली कि एसडीएम साहब ने तो मुझे कुछ भी मैसेज नहीं दिया।