न्यायालय का फैसला: कानून हाथ में लेने पर आरोपी और फरियादी को सजा

शिवपुरी ब्यूरो। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रविन्द्र कुमार शर्मा ने एक ऐसा मामला निर्णीत किया है जिसमें आरोपी उस्मान ने फरियादी समीर के घर में अपराध करने की नियत से प्रवेश किया था। इस मामले में आरोपी उस्मान पर भादवि की धारा 456 के तहत मामला भी कायम किया गया था। लेकिन इससे ही फरियादी समीर संतुष्ट नहीं हुआ और उसने घटना के तीन दिन बाद ही उस्मान के साथ गाली गलोच करते हुए सरिए से उसकी मारपीट कर दी। जिससे उस पर भी प्रकरण दर्ज हो गया और दोनों मामलों में न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाई है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से एडीपीओ कल्पना गुप्ता ने पैरवी की है।

पहली घटना 2 अक्टूबर 2015 की है जब देहात थाना क्षेत्र में आरोपी उस्मान ने फरियादी के घर में अपराध करने की नियत से प्रवेश किया। इस घटना में अभियुक्त के विरूद्ध भादवि की धारा 456 के तहत कायमी की गई और इस मामले में अभियुक्त उस्मान को दोषी पाते हुए न्यायालय ने एक वर्ष के सश्रम कारावास और 1 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई। लेकिन अपने घर में आरोपी उस्मान के अपराध करने की नियत से प्रवेश करने से समीर इतना आहत हुआ कि उसने अभियुक्त उस्मान के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने के तीन दिन बाद 5 अक्टूबर 2015 को उस्मान के साथ गाली गलौच करते हुए सरिया मारकर उसे घायल कर दिया। इस मामले में अभियुक्त समीर के विरूद्ध भादवि की धारा 323 का मामला दर्ज किया गया और न्यायालय ने इस मामलें में फैसला सुनाते हुए आरोपी समीर को 6 माह के सश्रम कारावास और 1 हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर दिया। 

आपे चालक को मोटर व्हीकल एक्ट में अर्थदण्ड
न्यायिम मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रविन्द्र कुमार शर्मा ने अभियुक्त केशव को दोषी पाते हुए भादवि की धारा 279 में 1 हजार रूपए का अर्थदण्ड और धारा 337 में 500 रूपए का अर्थदण्ड तथा 146/196 मोटर वाहन अधिनियम में 1 हजार रूपए की अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। आरोपी पर आरोप है कि उसने 2 अक्टूबर 2016 को शाम 4 बजे अंग्रेजी शराब की दुकान के पास एबी रोड़ पर देहात थाना क्षेत्र में फरियादी हाकिम पाल की हीरोपुक में अपने आपे से टक्कर मारकर उसे घायल कर दिया था। घटना के समय आपे चालक बिना बीमे के वाहन भी चला रहा था। इस मामले में एडीपीओ कल्पना गुप्ता ने पैरवी की।