नेता के फोन से डर गए SDM, जब्त की गई बोर मशीन छोड़ दी

सतेन्द्र उपाध्याय/शिवपुरी। खबर जिले के बदरवास जनपद के इंदार थाना क्षेत्र के सिंघारई गांव से आ रही है। जहां कलेक्टर के आदेश को ठेंगा दिखाकर चल रही बोर मशीनों को पहले तो प्रशासन ने पकड़ लिया। इसके बाद मशीन के संचालकों द्धारा एसडीएम को ट्रांसफर कराने की धमकी देने की बात सामने आई। उसके बाद एसडीएम ने बयान जारी किया कि वह इन धमकीयों से नहीं डरते और इन बोर उत्खखन कर्ताओं को पूरी तरह से खत्म कर ही दम लेगें परंतु अब जो सच शिवपुरी समाचार डॉट कॉम आपको बताने जा रहा है वह, चौंकाने वला है। क्योंकि हुंकार भरने वाले एसडीएम बोर माफिया से डर गए और उन्होंने पकड़ी हुई मशीनों को छोड़ दिया। 

जानकारी के अनुसार दो दिन पहले रात्रि में कोलारस एसडीएम ने कोलारस के सिंघारई गांव में चल रही एक बोर मशीन को पकड़ था। उसके बाद प्रशासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष के निज निवास ग्राम आलावदी से एक बोर बेल को पकड़ा। तभी एसडीएम कोलारस के पास एक नेता का फोन आया कि अगर गाड़ी नहीं छोड़ी तो एक मिनिट में ट्रांसफर करा दूंगा। उक्त पूरा घटनाक्रम को एसडीएम ने मीडिया को बताया। मीडिया ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रकाशित किया। पूरा मीडिया एसडीएम के साथ था। 

मगर शिवपुरी समाचार डॉट कॉम की टीम ने इस सच की पड़ताल की तो सामने आया कि इंदार थाना परिसर में केवल एक गाड़ी जप्त दिखी जो अलावदी से पकड़ी गई थी। एसडीएम ने रात्रि 3 बजे जो गाड़ी सिघारई से पकड़ी थी एवं उसकी जप्ती बनाकर नायब तहसीलदार रन्नौद को सुपुर्द की थी वो तो इंदार थाने तक पहुंची ही नहीं। इसी गाड़ी के सिलसिले में एसडीएम ने मीडिया में बयान जारी करके सुर्खियां बटोरी थीं। 

अब क्या यह नहीं कह दिया जाना चाहिए कि एसडीएम नेताजी के ट्रांसफर वाले फोन से डर गए और उन्होंने गैरकानूनी गतिविधि में संलिप्त मशीन गाड़ी को बिना कानूनी कार्रवाई किए छोड़ दिया। या फिर यह संदेह किया जाए कि एसडीएम ने इस मामले में पहले बयान जारी कर नेताजी को धमकाया और फिर कोई गुप्त समझौता कर लिया गया। 

इनका कहना है
हां एसडीएम ने मुझे बताया था कि उन्होंने दो गाड़ी पकड़ी है। अब गाड़ी कैसे छोड़ दी या इस धमकी की तो कोई जानकारी नहीं है कि किसी ने धमकी दी है। में मामले को दिखवा लेता हूॅ। 
तरूण राठी, कलेक्टर शिवपुरी

हम इंतजार में हैं
हम इंतजार में हैं कि कलेक्टर तरुण राठी इस मामले को दिखवाएंगे और जो भी सच होगा सबके सामने लाएंगे। यदि किसी नेता ने एसडीएम को धमकाया था तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाएंगे और यदि कहीं कोई गुप्त समझौता हुआ है तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी। देखना यह है कि कलेक्टर राठी इस मामले को कब तक दिखवाते हैं।