संजय बेचैन पर हमले को लेकर आदिवासीयों ने थाना घेरा

शिवपुरी। सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन पर बीती रात हातौद गाँव के दो दर्जन से अधिक दबंगों ने एकराय होकर जानलेवा हमला बोल दिया। इस हमले में संजय बेचैन सहित 6 आदिवासियों को गम्भीर चोटें आईं हैं। इनमें से संजय बेचैन को उनकी गम्भीर हालत के चलते ग्वालियर रैफर कर दिया गया है। हमलावरों ने संजय बेचैन के मोबाइल छीन लिए और उनकी इनोवा कार को भी तहस नहस कर दिया। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। 

जानकारी के अनुसार गत दिवस सहरिया क्रांति की एक बैठक का आयोजन करैरा अनुविभाग के ग्राम साजौर में किया गया था। बैठक उपरांत सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन अपनी इनोवा कार से सिरसौद चौराहा, सलैया में छोटी छोटी मीटिंग करने के बाद कोटा और हातौद में होने वाली एक अल्प समय की मीटिंग में आ रहे थे। संजय बेचैन के साथ ग्राम कैरुउ निवासी वीरसिंह पुत्र जगन आदिवासी, अनिल पुत्र बद्री प्रसाद आदिवासी निवासी कोटा, दयाचंद पुत्र राजाराम आदिवासी निवासी कोटा, हरी आदिवासी पुत्र रत्ती आदिवासी निवासी ग्राम बिनेगा, रामअवतार आदिवासी पुत्र जसुआ निवासी ग्राम बिनेगा, सीताराम आदिवासी पुत्र जादो आदिवासी ग्राम बिनेगा भी कार में सवार थे। 

सहरिया क्रांति के ये सभी सदस्य जब ग्राम हातौद से लौट रहे थे तभी रात 8:30 बजे खनिज माफिया एवं उसके गुर्गे हथियारों से लैस होकर आ गए और इन्होंने संजय बेचैन सहित अन्य आदिवासी सदस्यों पर हमला बोल दिया। हमले में पत्रकार संजय बेचैन के सिर में गम्भीर चोटें आई हैं और उन्हें जिला अस्पताल से ग्वालियर रैफर कर दिया। 

बीच रास्ते में ट्रैक्टर अड़ाकर रोकी कार
हमलावर ने बीच रास्ते में ट्रैक्टर अड़ाकर संजय बेचैन की इनोवा कार रोक ली और इसी बीच कार में से गाड़ी चाबी खींचते हुए मोबाइल छीन लिए और संजय बेचैन को गाड़ी में से बाहर निकालते हुए उनके ऊपर लाठी, डण्डों से प्रहार करना शुरू कर दिया। इस हमले में संजय बेचैन के सिर में गम्भीर चोटें आई हैं। बंदूक से संजय बेचैन और अन्य आदिवासियों को जान से मारने की नियत से फायर भी किए। 

आदिवासियों पर भी टूटा दबंगों का कहर
हातौद के दबंग सरदारों ने सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन के साथ गाड़ी में सवार वीरसिंह आदिवासी, अनिल आदिवासी, दयाचंद आदिवासी, हरी आदिवासी, रामअवतार आदिवासी, सीताराम आदिवासी को भी घेरकर जमकर पीटा। इन हमलावरों ने आदिवासियों पर खूब लाठियां बरसाईं जिसमें ये छह आदिवासी सदस्य भी घायल हुए हैं। इन आदिवासियों ने बमुश्किल इनके चंगुल से छूटकर अपनी जान बचाई। 


दबंगो के भय से रात को ही गाँव हुआ खाली
हातौद के दबंग सरदारों द्वारा गाँव में बरपाए गए आतंक के बाद आदिवासियों में जबर्दस्त भय व्याप्त हो गया और गाँव के आदिवासी समुदाय के सभी लोग रात में ही गाँव छोडक़र पैदल पैदल शहर आ गए। आदिवासियों ने दबंगों के डर के चलते पूरी रात अन्यत्र स्थान पर गुजारी। आदिवासियों का कहना है कि हमला करने के बाद दबंग सरदार अभी भी हथियार लेकर घूम रहे हैं और वे कभी भी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। आदिवासियों ने पुलिस से सुरक्षा की माँग की है।

आदिवासियों ने रैली निकालकर घेरा थाना, की गिरफ्तारी की माँग
हातौद गाँव सहित अंचल के कई गाँवों के आदिवासियों में बीती रात सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन एवं अन्य सदस्यों पर हुए जानलेवा हमले के बाद काफी रोष व्याप्त है। आक्रोशित आदिवासियों ने आज पत्रकार संजय बेचैन के निवास पर एकत्रित होकर एक रैली निकाली और पुलिस से हमलावरों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की माँग की। पुलिस अनुविभागीय अधिकारी जी.डी. शर्मा ने देहात थाना पहुंचकर आदिवासियों को आश्वस्त किया तब कहीं जाकर आदिवासियों ने थाने से कूच किया।