बड़ी खबर: SDM आॅफिस में घूमते थे जालसाज, बनाते थे फर्जी जाति प्रमाण पत्र

शिवपुरी। कोलारस से आज एक बड़ा खुलाया हुआ है। यहां एसडीएम आॅफिस में जालसाजों के नेटवर्क की शिनाख्त हो गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है परंतु जालसाज फरार हैं। मामला जाति प्रमाण पत्र का है। ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोगों के आवेदन अटका दिए जाते थे, जब वो चक्कर लगाता तो जालसाज उसे अपने जाल में फंसा लेते और मोटी रिश्वत के बदले फर्जी प्रमाण पत्र सौंप देते। 

कोलारस पुलिस ने बताया कि 7 जुलाई 2017 को एडीएम कार्यालय से एक पत्र पुलिस थाना कोलारस को प्राप्त हुआ। इसकी जांच कोलारस पुलिस ने की तो तीन आरोपीयों के नाम सामने आए जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर लोगों से रूपए ऐंठ रहे थे। कोलारस पुलिस के अनुसार बृजेश आदिवासी निवासी खरीला थाना रन्नौद जाति प्रमाण पत्र बनबाने हेतु एसडीएम कार्यालय कोलारस पहुंचा। जहां बृजेश ने जाति प्रमाण पत्र बनवाने आवेदन प्रस्तुत किया। जब एक माह बाद भी बृजेश का प्रमाण पत्र नहीं बना तो पुन: कार्यालय गया। जहां पर बृजेश की मुलाकात वकील जसबीर सरदार से हुई। जिसपर जसवीर ने कुछ रूपए लेकर प्रमाण पत्र बनवाने का झांसा दिया। इसके बाद बृजेश ने कागज और रूपए जसबीर को दे दिए। जिसपर जसबीर ने अपने साथी रिंकू बाथम एवं राघवेन्द्र यादव के साथ मिलकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर बृजेश को थमा दिया। 

बृजेश ने उक्त जाति प्रमाण एसडीएम कार्यालय में दिखाया तो उन्हें वह फर्जी लगा। तब एसडीएम कार्यालय ने उक्त फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच पुलिस को सौंपी। कोलारस पुलिस ने जांच के बाद तीनों को आरोपी माना और तीनों के खिलाफ धारा 420,467,468,120 वी आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया है। आरोपी फिलहाल फरार है। 

एसडीएम आॅफिस भी संदेह की जद में
इस मामले में एसडीएम आॅफिस भी संदेह की जद में है। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए उस आदमी को नामजद नहीं किया जो लोगों के आवेदन अटकाया करता था। ग्रामीणों को चक्कर लगवाकर परेशान किया जाता था और जालसाजों को टिप दिया करता था। बिना किसी कर्मचारी की मिलीभगत के इस तरह का रैकेट संचालन असंभव है।