बडी खबर: अस्पताल के भ्रष्टाचार के कारण गई प्रसूता की जान

शिवपुरी। अभी तक आपने जिले के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर और स्टॉफ की लापरवाही के कारण मरीज की जान जाने की खबर सुनी होगी। लेकिन आज अस्पताल के भ्रष्टाचार के कारण एक प्रसूता की मौत की खबर आ रही है, हमेशा की तरह मृतिका के परिजनो ने हंगामा किया और वही अस्पताल प्रबंधन ने भी वही अपना प्रिंट किया गया बयान दिया है कि मामले की जांच करा लेते है। 

जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में करेरा से प्रसव के लिए सुषमा पत्नी पंकज सेन उम्र 35 साल को मंगलवार को भर्ती कराया गया था। उनके साथ जिठानी सुनीता सेन भी मौजूद थी। सुनीता ने बताया कि बुधवार की रात प्रसव के दौरान वो गायनिक वार्ड में ही थी। जैसे ही बच्चा पैदा हुआ। एक नर्स बाहर आई और बोली कि बधाई हो आपको लडक़ा पैदा हुआ है। अब हम एक हजार रुपए से कम न लेंगे। 

इस पर मेरे द्वारा ये कहा गया कि हमारे पास पैसे नहीं है। इसके बाद उन लोगों ने हम पर ध्यान देना छोड़ दिया। सुनीता ने जानकारी देते हुए बताया कि उसकी देवरानी को इन लोगों ने प्रसव के बाद एक ड्रिप लगाई थी। इससे उसे ठंड लगने लगी। 

लेकिन इन लोगों ने बार-बार चिल्लाने के बाद भी उस पर ध्यान नहीं दिया। वे मदद के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन कोई भी उसे देखने नहीं आया। बस कहते रहे कि आ रहे हैं। लेकिन कोई आया ही नहीं और सुषमा ने दम तोड़ दिया। 

जैसे ही मामला सामने आया अस्पताल प्रबंधन हर बार की तरह इस मामले को दबाने का प्रयास किया। प्रसूता के पति पंकज सेन ने कहा कि इस मामले में उन्होंने आरएमओ एसएस गुर्जर और सिविल सर्जन जेआर त्रिवेदिया से बात की हैए वो भी मामले में जांच की बात कह रहे हैं। घटना के बाद सुषमा के परिजन जिला अस्पातल में रोते.पीटते रहे। लेकिन उनकी यहां किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद वो वापस करैरा चले गए।

कुल मिलाकर जिंदगी देने वाला सरकारी अस्पताल ने अपने पुराने ढर्रे पर चलते हुए आज एक प्रसूता की जिंदगी का होम मात्र 1 हजार रूपए के कारण कर दिया। अस्पताल में लापरवाही के कारण कई मौते हो चुकी है, अस्पताल प्रबंधन हर बार मामले को दबाने का प्रसास करता है, और कहता है जांच करा लेगें, लेकिन आज तक हो चुके कई घटनाओ की जांच कौन कर रहा है, क्या जांच हुई किसी को क्या भगवान को भी नही पता है। 

आरोप झूठे हैं 
किसी ने कुछ नहीं मांगा, ये सब झूठे आरोप हैं, जब किसी का कोई इस दुनिया से चला जाता है तो इस तरह के आरोप तो लगते ही हैं।
एसएस गुर्जर, आरएमओ शिवपुरी