आयोग का फैसला: जिला चिकित्सालय में नवजात की अंगुली काटने के मामले में पीडिता को मिलेगें पांच हजार

शिवपुरी। मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जिला चिकित्सालय शिवपुरी में घटित हुई मई माह में एक नवजात बालिका की चूहे द्वारा प्रसूती वार्ड में अंगुली कुतरने की घटना को संज्ञान में लेकर जांच उपरांत अपना निर्णय पारित कर दिया है। फैसला सुनाते हुए आयोग ने पीडि़ता को 5 हजार रूपए की राशि प्रतिकर के रूप में दिलाए जाने की शासन ने अनुशंसा की है और इस हेतु संबंधित विभागों को अपनी अनुशंसा भेज दी है।

विदित हो कि विगत 15-16 मई की रात्रि को सुनीता पत्नि दिलीप निवासी कुमरौआ तहसील कोलारस ने जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड में बच्ची को जन्म दिया था। रात्रि में उक्त बच्ची दो अंगुलियां चूहों के द्वारा कुतर दी गई थी और सुबह उक्त मामले को अस्पताल प्रशासन की जानकारी में लाया गया था। अस्पताल प्रशासन ने उक्त घटना को गंभीरता से नहीं लिया लेकिन उसके दो दिन बाद अस्पताल में पुन: पेश कन्ट्रोल का काम कराया गया। 

इस गंभीर घटना की जानकारी मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया ने समाचार पत्रों की कतरनों सहित अपने पत्र के साथ फैक्स द्वारा माननीय आयोग को सूचित किया और फोन द्वारा भी व्यक्तिगत रूप से इस घटना की जानकारी भोपाल दी। इस पर माननीय आयोग ने केस रजिस्टर्ड कर मामला संज्ञान में ले लिया। 

गहन जांच उपरांत माननीय आयोग ने इस संदर्भ में निर्णय पारित किया कि जिला चिकित्सालय शिवपुरी के द्वारा चूहे एवं कॉकरोच से बचाव हेतु मानक एटीरोटेड कार्यवाही किया जाना बताया गया है। मगर इसके बाद भी चूहों की उपस्थिति और नवजात बच्ची की अंगुली पर उनके काटने से दो पिन पॉइन्ट सतेही निशान की चोटें होना पाया गया।

आयोग ने प्रकरण की विवेचना के उपरंात इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की उपेक्षा पाई और अस्पताल प्रबंधन से पीडि़त को पांच हजार रूपए की राशि प्रतिकर के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा की। आयोग ने इस अनुशंसा यह स्वतंत्रता भी दी कि वह चाहे तो अस्पताल में मानक ऐटीरोटेड बाली एजेंसी से भी वसूल सकता है। आयोग ने उपरोक्त अनुशंसा प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश शासन एवं लोकस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को अपने आदेश की प्रति भेज दी है। आयोग के इस निर्णय जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया ने माननीय आयोग के प्रति आभार व्यक्त किया है।