हे राजमाता, इन नादान नेताओं को क्षमा कर देना

मैं शिवपुरी हूं! आज उत्तम क्षमा दिवस है, अपनी भूलों और गलतियों के लिए क्षमा मागंने का दिन है। इस कारण में हे राजमाता में भाजपा के अक्षम्य अपराध की आपसे क्षमा दान चाहती हूॅ, क्योेंकि कही न कही जनसंघ जो बाद में भाजपा बना को तुम्ही ने अपने खून पसीने से सींचा था। तुमने इस संगठन के लिए उस समय अपना तन मन धन समर्पित कर दिया जब लोग अपना खाली समय तक नहीं देते थे। तुमने महलों के वैभव को छोडक़र भाजपा को शक्तिशाली बनाने के लिए संघर्ष का मार्ग स्वीकार किया। तुम सड़कों पर उतरीं तो मेरी लाखों संतानों ने तुम्हे राजमाता से लोकमाता के रूप मेें स्वीकार किया। 

कही न कही भाजपा का उदय भी मेरी कोख से भी हुआ है, क्योंकि मैं तुम्हारी कर्मस्थली हूं। जिस समय देश में भाजपा के गिने चुने सांसद होते थे, उस समय मैं उस संसदीय क्षेत्र की नगरी रही हूं जिसने तुम्हे सांसद बनाकर भाजपा को शक्ति दी। इस समय देश और प्रदेश में उसी भाजपा का शासन है, जिसे मैने शिशु अवस्था में अपने आंचल की छांव दी है। हर्ष होता है कि अपनी भाजपा अब संपूर्ण यौवन पर है, लेकिन सोचती हूं कि इस भाजपा ने तुम्हे और मुझे क्या वापस किया। 

कुछ सालों पहले यहां सरकारी अस्पताल में तुम्हारे नाम से स्व: विजयराजे सिंधिया ट्रामा सेंटर शुरू हुआ था। ट्रामा सेंटर में सबसे ज्यादा मामले एक्सीटेंड के ही आते हैं। यह एक आकस्मिक चिकित्सा ईकाई है। या यूं कह लो यह दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को जिंदगी देने की ईकाई है। यह सेंटर लोगों की सेवा करता था। मौत में मुहाने तक पहुंच गए लोगों की जिंदगी बचाने के काम आता था। मुझे ऐसा लगता था कि तुम कैलाशवासी हो गईं तो क्या, तुम्हारे नाम का यह सेंटर लोगों की सेवा कर रहा है, लेकिन अब इस सेंटर को भी बंद किया जा रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे भाजपा की शिवराज सिंह सरकार ने अपनी संस्थापक राजमाता सिंधिया का लोगों की मदद करता हाथ रोक दिया है। यह सबकुछ तब जबकि यहां तुम्हारी पार्टी की सरकार है, तुम्हारी सरकार का स्वास्थ्य मंत्री मेरा प्रभारीमंत्री है। 

मुझे मालूम है राजमाता, तुम्हारा आक्रोश कैसा होता है। मैने तुम्हारे डर से इंदिरा गांधी को घबराते देखा है। तुम्हारे प्रेम में लोगों को जान लड़ाते देखा है। लोगों के हित के लिए तुम्हे रातों रात जागते हुए देखा है और भगवान श्रीराम मंदिर आंदोलन के समय अपने विवाह की सबसे प्रिय अंगूठी को दान करते देखा है। तुम्हारी न्यायप्रियता और दण्डशक्ति सदैव लोकप्रिय रही है परंतु हे राजमाता, इन नादान नेताओं को क्षमा कर देना, जो आजकल तुम्हारी भाजपा के सर्वेसर्वा बन गए हैं। रही बात ट्रामा सेंटर की तो अब उसे वापस स्थापित करने तो शायद तुम्हे दूसरे जन्म लेना होगा। 
प्रस्तुति: ललित मुदगल