हत्यारा भविष्य : क्या कोई ओैर ‘‘उत्सव’’ बली चढ़ेगा प्रशासन की लापरवाही में

सतेन्द्र उपाध्याय/ इमरान अली  शिवपुरी। बच्चे देश का भविष्य होते है। इनका भविष्य बनाने के लिए पेरेन्टस स्वयं के साथ स्कूलों में भेजते है। हर पेरेंट चाहता है बच्चे को पढ़ाने बाला स्कूल उसका बेहतर भविष्य बना सके। देश में लगातार हो रही दुघर्टनाओं को देखते हुए स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को महज कुछ कागज के टुकडों के नीचे दबा दिया जाता है। जिसके चलते यह कहने में कोई हर्ज नहीं है कि मासूमों का जीवन हत्यारा भविष्य बन गया है। 

अधिकतर मामलों में हादसों के लिए स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जाता है। कोलारस में पहले भी कोलारस पब्लिक स्कूल की बस अनियंत्रित होकर वेयर हाउस के पास पलट गई थी। जिसमें कई बच्चों को गंभीर चोटे आई थी इस हादसे में बच्चों की जान बाल बाल बची थी। देश भर में बड़तें स्कूलो से जुड़े हादसो के कारण अभिवावको के मांथे पर चिंता कि लकीरे खींच दी है। माता पिता बच्चों कि सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उनके जहन में बात है। कि आखिर हम अपने लाल को सही हाथो में सोंप रहे है या नही। 

स्कूलो में सुरक्षा प्रबंधों में कमी, कब होगी जांच -
कोलारस नगर एवं आस पास क्षेत्र में संचालित अधिकतम अशासकीय स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा का इंतजाम संतोषजनक नहीं हैं। सुरक्षा के इंतजाम तो दूर खुद कई स्कूल शासन के नियम विरूद्ध संचालित है। हालांकि सरकार ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए नियम और कानून बनाए हुए हैं। 

इसके साथ ही प्रदेश भर से आए दिन स्कूली बच्चों के साथ हादसे की खबरें आती रहीं हैं। मानसिक और शारीरिक शोषण की खबरों ने भी लोगों को झकझोरा है। कई स्कूलों में छात्राओं, और कुछ जगहों पर छात्रों का यौन शोषण शिक्षकों द्वारा किए जाने की घटनाएं हुई हैं। 

महिला और बाल विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार हर 3 में से 2 बच्चे यौन उत्पीडऩ का शिकार हो जाते हैं. लेकिन 70 प्रतिशत मामले सामने ही नहीं आ पाते। बीते दिना प्रदेश के मुख्ष्य मंत्री शिवराज सिंह चोहान भी प्राईवेट स्कूलो में बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के दिशा निर्देश दे चुके है। अब देखना यही है। कि जिम्मेदार अधिकारी बच्चों की सुरक्षा और प्रदेश के मुख्यमंत्री की बात को कितनी गंभीरता से लेते है। 

कितने सुरक्षित हैं हमारे बच्चे...? क्या कोई ओैर ‘‘उत्सव’’ होगा प्रशासन कि भ्रष्ट प्रणाली का शिकार
स्कूली हादसों में मौत की सबसे बड़ी वजह स्कूल वाहन साबित हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले वाहनों के संचालन को लेकर गाइड लाइन तैयार किये जाने के बावजूद इसका पालन नहीं होता। 

वाहनों में क्षमता से अधिक छात्रों को बिठाने के कारण कई दुर्घटनाएं हुई हैं। साथ ही वाहनो पर स्कूलो में पड़ाने वाले टीचरो वाहनो पर चलने वाले स्टाफ का पुलिस वैरिफीकेशन नही किया जाता है। नही यह देखा जाता कि जिनके भरोसे बच्चों को छोड़ रहे है। उनका बर्ताब उसका पिछला रिकोर्ड की तफतीश नही की जाती है। 

4 मार्च 2013 को यह दिन शिवपुरी की तारीख में सबसे काला दिन कहा जाएगा। इस दिन फिरौती के लिए शिवपुरी के नामी स्कूल के छात्र उत्सव का अपवहरण कर हत्या कर दी थी।। उत्सव हत्याकांड के बाद प्रशासन और स्कूल प्रबंधक के खिलाफ लोगो का गुस्सा घरो से निकलकर सडक़ो पर आ गया था। प्रदेश भर में मामले में जमकर कोहराम मचा। 

शहर में कई जगह तोडफ़ोड़ जैसी धटनाऐं सामने आई। कई अधिकारी भी मामले में कोताही बरतने पर नापे गए थे। लेकिन घटना के 4 वर्ष बीतने के बाद भी मुख्य आरोपी आज भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। उत्सव की मौत हर मां बाप को बच्चों की सुरक्षा की सीख दे गई। लेकिन प्रशासन आज भी बेखबर है। इतने बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन ने इससे सबक नही लिया है। अभी भी कई स्कूल बिना किसी सुरक्षा व्यवस्थाओ के भगवान भरोसे चल रहे है। 

तीन माह में तीन छात्रो की मौत कारण अनसुलझे 
कोलारस नगर सहित आसपास लगातार एक ही स्कूल के तीन माह में तीन मौत होने के बाद शोक का माहौल निर्मित है। साथ ही चर्चाओ का दौर जारी है। पहले मामले में त्रिलोकेन पुत्र द्वारिका नाथ गौड़ उम्र 15 वर्ष विगत 12 जुलाई को शाम 5 बजे सावन के दौरान घर में फांसी के फंदे में उलझने से मौत हो गई थी। 

दूसरे मामले में शनिवार सुबह कोलारस थाना क्षेत्र के ईन्द्रा कालौनी में किराए से रह कर पढ़ाई कर रहे राहुल पुत्र वीरेन्द्र यादव उम्र 15 वर्ष निवासी दादूखेड़ी के छात्र ने अपने की कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। तीसरे मामले में रविवार दोपहर 3 बजे नीलीमा परिर्वर्तित नाम उम्र 13 वर्ष ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह तीनो छात्र कोलारस पब्लिक स्कूल के बताए जा रहे है। और तीनो कि मौत भी फांसी लगाने से हुई है। 

इस पर अब कोलारस के नागरिकेो में उबाल आने लगा है। सोमवार को पब्लिक हैल्प ग्रुप और अखिल भारतीय विघार्थी परिषद ने एसडीएम को साथ ही बुद्ववार को बजरंग दल ने भी कोलारस एसडीओपी को दर्जनो कार्यकताओ के साथ कोलारस पब्लिक स्कूल के छात्रो की मौत केे अज्ञात कारणो का पता लगाने रैली निकालकर प्रर्दशन किया और निष्पक्ष जांच की मांग की। बजरंग दल ने आवेदन के जरीये यह शंका जाहीर की है कि स्कूल में छात्रो का एमएमएस बनाकर ब्लैकमैल करने के चलते तो छात्रो ने आत्महत्या जैसा कदम नही उठाया।

इनका कहना है
प्राईवेट स्कूलो में बड़ते हादसो के बाद सरकार के सामने भी बच्चों की सुरक्षा का फूलप्रूफ प्लान बनाने की बड़ी चुनौती पेश आई है। स्कूल में केवल सीसीटीवी कैमरे लगाने से ही समस्या हल नहीं हो जाती। जो भी कमियां हैं। उन्हें ढूंढना होगा और दूर करना होगा। अगर स्कूलों में भी बच्चे सेफ नहीं हैं तो यह बहुत ही बड़ी समस्या है। 

प्रशासन को भी चाहिये की वह हर स्कूल का समय समय पर निरिक्षण कर देखें की स्कूल शासन के नीयम अनुसार संचालित है भी या नही। यहां बच्चों को जिन वाहनो में लाया ले जाया जाता है। उनहे भी देखना चाहीये की वाहन कितने पुराने है। सही दस्तावेज मौजूद है। या नही याथ ही स्कूलो में लगगे वाहन सुरक्षा की दृष्ठी से सैफ हैै या नही।
श्रीमती पूनम वीरू कुशवाह
अभिभावक कोलारस 

कोलारस पब्लिक स्कूल का मामला मेरे संज्ञान मे आया है। यहां तीन महीने में 3 छात्रो ने आत्महत्याऐं की है। कारण अभी अज्ञात है। अब इसमें स्कूल में पड़ाई का दबाब था या कुछ और यह स्पष्ठ नही है। हम भी इस मामले पर विचार करेंगे और कमेटी के सभी सदस्यो से बात की जाएगी। जिसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
राघवेन्द्र शर्मा 
बाल आयोग अध्यक्ष