शिविर में जैसे ही एसपी पहुंचे कब्जेधारियों ने छोड़े आदिवासियों के कब्जे, शराबबंदी की ली शपथ

शिवपुरी। वर्षों से अपनी ही जमीन पर मजदूर बने आदिवासियों के चेहरे आज उस समय खिल उठे जब उन्हें उनके गाँव में ही पुलिस और राजस्व के अधिकारियों ने पहुंचकर उनकी जमीन न केवल वापस दिलाई बल्कि तत्काल ही उन्हें उस जमीन पर काबिज भी कराया। यह दृश्य अपने आप में ही अब तक का सबसे अनूठा दृश्य था जब आदिवासियों की भूमि पर काबिज दबंगों ने स्वत: ही आकर पाण्डाल में घोषणा की कि वे आज से आदिवासियों के हक की जमीन से अपना कब्जा हटा रहे हैं और आज के बाद कभी भी पुन: आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करने का सोचेंगे भी नहीं। सहरिया क्रांति एवं पुलिस अधीक्षक की इस संयुक्त मुहिम की सर्वत्र सराहना हो रही है। 

विदित हो कि विगत दिवस जनसुनवाई में हीरापुर एवं धर्मपुरा के आदिवासियों ने संयुक्त रूप से सहरिया क्रांति के बैनर तले पुलिस अधीक्षक सुनील पाण्डे को ज्ञापन सौंपा था और दबंगों के कब्जे से अपनी भूमि वापस दिलाने की गुहार लगाई थी जिस पर पुलिस अधीक्षक ने अजाक थाना प्रभारी श्री पटेरिया को निर्देशित किया था कि वे गाँव का भ्रमण कर वस्तुस्थिति का पता लगायें एवं गाँव में जनजागृति शिविर का आयोजन करें।

इसी तारतम्य में अजाक थाना पुलिस एवं एसडीओपी कोलारस सुजीत भदौरिया ने संयुक्त रूप से क्षेत्र का भ्रमण किया तो आदिवासियों की जमीन पर दबंगों का कब्जा होना पाया गया जिस पर उन्होंने आदिवासियों की जमीन कब्जाने वाले तोफान गुर्जर, विशाल गुर्जर, हरभजन सरदार एवं ऊधम सिंह गुर्जर सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए। 

आज पुलिस अधीक्षक सुनील पाण्डेय की मंशानुरूप अजाक थाना पुलिस ने जन जागरण एवं चेतना शिविर का आयोजन ग्राम धर्मपुरा में किया। जहाँ पुलिस के आला अधिकारियों के साथ राजस्व अमला भी मौजूद रहा। जैसे ही शिविर में पुलिस अधीक्षक और राजस्व अधिकारियों का आगमन हुआ वैसे ही आदिवासियो की भूमि कब्जाने वाले तोफान सिंह गुर्जर एवं ऊधम सिंह गुर्जर हाथ जोडक़र वहाँ खड़े हो गए और पुलिस अधीक्षक के समक्ष यह घोषणा की कि आज से जितने भी आदिवासियों की जमीन पर हमारा कब्जा है हम सब छोड़ते हैं। 

आज के बाद कभी हम आदिवासियों की जमीन पर कब्जा नहीं करेंगे, हम अपनी भूल सुधारना चाहते हैं। इतना सुनते ही पूरा पाण्डाल तालियों से गूंज उठा फिर तो एक के बाद एक चार लोगों ने शिविर में आकर आदिवासियों की जमीन से खुद का कब्जा छोडऩे का एलान किया। स्वेच्छा से कब्जा छोडऩे वालों में हरभजन सरदार, विशाल गुर्जर शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक ने समय रहते अपनी भूल सुधारने वाले और आदिवासियों की भूमि वापस लौटाने वालों को पुष्पाहार पहनाकर सम्मानित भी किया। आदिवासियों ने भी तालियों की गडगड़़ाहट से उनकी घोषणा का स्वागत किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि जमीन छूट रही हैं और आप तालियां बजा रहे है यह नि:संदेह खुशी की बात है और ऐतिहासिक क्षण है जब वर्षों से आपकी जमीन पर कब्जा किए बैठे लोग खुद व खुद यहाँ आकर जमीनें छोड़ रहे हैं। उन्होंने आदिवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज आप सबको यह शपथ लेनी होगी न नशा करोगे और न किसी को करने दोगे। मैं आपको वचन देता हूं कि यदि आप नशे के अवैध कारोबार की सूचना दोगे तो हम उसे तत्काल बंद करवायेंगे। 

उन्होंने कहा कि आदिवासी भाई बहन अपने बच्चों को पढ़ाई जरूर करायें और जब स्कूल से आयें तब उनसे जरूर पूछें कि आज क्या पढ़ा। उन्होंने कहा कि आज जो जमीनें छूटी हैं उनके लिए सहरिया क्रांति के साथ हमारे पुलिस फोर्स का भी धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने दिन रात एक करके आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाए। उन्होंने कहा कि हमने वन, राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम बनाई और तय किया था कि आज मौके पर ही जाकर आदिवासियों को कब्जा दिलायेंगे और दोषियों के विरुद्घ तत्काल कार्यवाही करेंगे, यहाँ तो नजारा ही उल्टा उल्टा सा लगा और हम लोग जिस चीज को सोच भी नहीं सकते थे और जो यहाँ मौजूद हैं उन्हें भी यह कल्पना नहीं रही होगी कि इतने लोग आगे आयेंगे और खुद ही कहेंगे कि लो भइया अपनी-अपनी जमीनें सम्हालो। मैं ऐसे लोगों की भी प्रशंसा करता हूं। उन्होंने कहा कि अब आगे यदि कोई पुन: आपकी जमीन हथियाने का प्रयास करे तो अविलम्ब पुलिस को सूचित करें। 

अनुविभागीय अधिकारी कोलारस आर ए प्रजापति ने कहा कि वर्षों से मैं देख रहा हूं कि गरीब, कमजोर आदिवासी भाई अपने हक के लिए लड़ते रहे हैं और रसूखदार तबका उनकी जमीनों पर कब्जा कर लेता है। उनके भोलेपन का नाजायज फायदा उठाते हैं, आज बड़ी खुशी का दिन है जब राजस्व और पुलिस मिलकर नई दिशा में जा रहे हैं और सहरिया क्रांति वास्तविक तौर पर गरीब आदिवासियों को उनके हक दिलाने के लिए महायज्ञ कर रही है जिससे धरातल पर आदिवासी लाभान्वित हो रहे हैं। 

आज जीवन का पहला अनुभव है जब गरीब आदिवासियों की जमीन को कब्जाने वाले लोगों ने स्वत: उनकी जमीनों से कब्जे छोडऩे का एलान किया है। सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने आदिवासी को सम्बोधित करते हुए कहा कि शोषण दमन और अत्याचार के विरुद्ध जारी इस सामाजिक अभियान में पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में वर्षों से अपने हक से वंचित सहरिया समाज के लोगों को अपना हक मिला है और वह भी गाँव में बिना रंजिश के। आज का दिन छह गाँवों के लिए ऐतिहासिक दिन है जब उनकी जमीनें उन्हें वापस मिल रही हैं। 

इनकी जमीनें हुई मुक्त
हीरापुर में विजय आदिवासी, प्राण सिंह आदिवासी, पर्वत आदिवासी, रघुराज आदिवासी, मुरारी आदिवासी, कन्हैया आदिवासी, निर्भल आदिवासी, गोविन्द आदिवासी, माझी आदिवासी, वीरेन्द्र आदिवासी, अंगद आदिवासी, लखन आदिवासी, सभा आदिवासी, सरूप सिंह आदिवासी, वीरा सिंह आदिवासी, रामहेत आदिवासी, जग्गा आदिवासी, किशनिया आदिवासी, कल्ला आदिवासी की जमीन उदयसिंह, माखन, तोफान, हरिसिंह गुर्जर आदि के कब्जे से मुक्त कराई है। धर्मपुरा में भमरा आदिवासी, श्यामा आदिवासी, मनफूल आदिवासी, श्यामा आदिवासी, हज्जू, करन सिंह, कल्ला, मनफूल, नंदलाल, मुन्ना, ठगरी, पदम, ब्रखभान, रामवरण, कस्तूरी, कमलू आदिवासी, कंगलिया आदिवासी की जमीन विशाल सिंह, अमरसिंह, खुमान आदि से मुक्त कराई गई।