राशन की दुकान पर तालाबंदी से भडके आदिवासीयों ने घेरा कलेक्ट्रेट, कलेक्टर ने दिया आश्वासन

शिवपुरी। व्यसन मुक्त होकर जागरूक हुए आदिवासियों के हक की आवाज दबंगों को नहीं सुहा रही। हातौद के आदिवासियों ने जब अपनी मजदूरी का वाजिब दाम मांगने पर उनके साथ अभद्रता किए जाने और शासकीय उचित मूल्य की राशन दुकान पर सरदार सर्वजीत सिंह ढिल्लन और उसके साथियों द्वारा ताला डाले जाने का मामला अब तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। 

इस घटनाक्रम से आक्रोशित सैंकड़ों आदिवासियों ने आज सहरिया क्रांति के बैनर तले हातौद ग्राम से पैदल मार्च निकाला और कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंप राशन दुकान खुलवाए जाने और उनके हक में अडंग़ा डालने वाले दबंग लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने की माँग की। इस दौरान आदिवासी महिला पुरुषों ने कलेक्टरेट का घेराव भी किया तथा अपनी माँग पर तत्काल कार्यवाही की बात कही। आदिवासियों ने इस दौरान बंधुआ बनकर नहीं रहेेंगे, अपने हक लेके रहेंगे, सहरिया क्रांति जिंदाबाद के नारे भी लगाए।

विदित हो कि ग्राम हातौद के आदिवासियों ने विगत दिवस अपनी पंचायत में यह फैसला लिया था कि अब आदिवासियों की न्यूनतम मजदूरी 200 रुपए फिक्स रहेगी इससे कम में कोई भी आदिवासी मजदूरी पर नहीं जाएगा। आरोप है कि आदिवासियों की यह माँग हातौद के प्रभावशाली लोगों सर्वजीत सिंह ढिल्लन, मनीष मलहोत्रा और सरपंच आदि को नागवार गुजरी और इन्होंने एकराय होकर आदिवासियों की उचित मजदूरी की माँग को न केवल सिरे से खारिज किया बल्कि उन्हें राशन पानी मुहैया कराने वाली राशन दुकान पर भी ताला जड़ दिया। 

गरीब आदिवासियों का कहना है कि यह प्रभावशाली लोग हमारा कई सालों से शोषण कर रहे हैं और बंधुआ मजदूर बनाकर काम करवाया जा रहा है जब हमने अपने हिस्से की मजदूरी बढ़ाने की बात कही तो ये लोग इस तरह के हथकण्डों पर उतर आए हैं। आदिवासियों ने आज कलेक्टर के समक्ष अपनी पीड़ा का बखान करते हुए बताया कि राशन दुकान का सेल्समेन भी इन लोगों के डर के कारण अब दुकान तक नहीं जा रहा है। 

आदिवासियों ने कलेक्टर तरुण राठी को बताया कि हातौद की अधिकांश ऐसी भूमि जो आदिवासियों की है उस पर गाँव के ही प्रभावशाली लोगों का कब्जा और हम अपनी ही जमीन पर मजदूर बनकर कार्य कर रहे हैं। आदिवासियों ने कलेक्टर से भूमि का सीमांकन कराने की भी माँग की है। 

कलेक्टर ने आदिवासियों की माँग पर अपना मत स्पष्ट करते हुए कहा कि हम राशन दुकान को शीघ्र खुलवा देते हैं और आपकी जमीनों की जाँच भी करवा लेंगे, जिसका कब्जा आदिवासियों की जमीन पर होगा उसे कब्जा मुक्त कराई जाएगी और रही बात दुकान पर ताला डालने वाले लोगों पर कार्यवाही की तो यह काम पुलिस का है और पुलिस ही इसमें कार्यवाही करेगी। 

आदिवासियों की यह रैली कलेक्टोरेट के बाद सीधे पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची जहाँ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य ने आदिवासियों का ज्ञापन लिया तथा एजेके डीएसपी को पूरे मामले की जाँच करने और उसके बाद कायमी करने का आश्वासन दिया। प्रशासन के रवैये पर आदिवासियों ने संतोष जताया है और उम्मीद जाहिर की कि अब दबंगों के खिलाफ उन्हें न्याय मिलेगा। कलेक्टर तरुण राठी आदिवासियों की मांगों पर संजीदा नजर आए वहीं एडीशनल एसपी ने भी ठोस कार्यवाही की बात कही।