10 लाख के घपले का रिकॉर्ड फूफा के पास बताने बाला हेडमास्टर निंलबित, होगी FIR

शिवपुरी। शहर में वार्ड क्रमांक 39 में संचालित प्राथमिक विद्यालय कटमई पर बीते रोज डीपीसी के निरीक्षण के दौरान तमाम खामियां और 10 लाख रूपए के लगभग राशि का काला पीला करने बाले हेडमास्टर पर आज डीईओ परमजीत सिंह गिल ने डीपीसी की अनुसंसा पर उक्त हेडमास्टर को निलंबित कर दिया है। बताया गया है कि उक्त हेडमास्टर से जब डीपीसी ने रिकॉर्ड मांगा तो वह उस रिकॉर्ड को अपने फूफा के यहां बताने की बात कह रहा था। 


जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से शिक्षा विभाग में लगातार सूचना मिल रही थी कि शासकीय प्राथमिक विद्यालय कठमई में हेडमास्टर न तो स्कूल पर पहुंचते है। साथ ही शासकीय योजनाओं के उपयोग में आने बाली राशि का भी छात्रों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस शिकायतों के चलते  बुधवार को मामले की जांच करने डीपीसी टीम कठमई पहुेंची। और उक्त हेडमास्टर से टीम ने रिकॉर्ड मांगा तो उसने कह दिया कि रिकॉर्ड तो मेरे फूफा के घर रखा है। जांच टीम भी कहां मानने वाली थी, उन्होंने कहा कि जाकर ले आओ। इस पर हेडमास्टर ने एक और बहाना बना दिया कि फूफा तो मुरैना चले गए हैं। 

शहर के वार्ड क्रमांक 39 में बने प्राथमिक स्कूल कठमई के हेड मास्टर मुरारीलाल ने राज्य शिक्षा केंद्र के द्वारा शाला विकास के नाम पर जारी की गई लाखों रुपए की राशि का गबन कर लिया है। बुधवार को जिला शिक्षा केंद्र की टीम ने जब यहां पहुंच कर अचानक छापा मारा तो सुबह 11: 30 बजे पहले तो स्कूल ही बंद मिला। 

इसके बाद जब दल के लोगों ने स्कूल के स्टाफ को फोन लगाया तो आनन-फानन में स्कूल में पदस्थ चार शिक्षकों में से सिर्फ तीन ही पहुंच पाए। इसके बाद बच्चे बटोरने का सिलसिला शुरु हुआ। जब 10 से 15 बच्चे क्लास रुम में बैठ गए तो केंद्र के जांच दल ने हेड मास्टर से वित्तीय अभिलेखों को मांगा। जिसे वे हेड मास्टर नहीं दिखा सके। 

जिला शिक्षा केंद्र के प्रभारी डीपीसी शिरोमणि दुबे ने कहा कि ये हेडमास्टर वर्ष 2005 से यहां पदस्थ हैं और इनके पास एक भी साल का कोई रिकार्ड नहीं है। इनके द्वारा वर्ष 2011 से लेकर 2017 तक जारी की गई 10 लाख रुपए की राशि को खुर्द बुर्द कर दिया गया है। इससे पहले का पैसा कहां गया हैं इसकी जांच चल रही है। 

आदिवासियों को मिलते थे सिर्फ 2 हजार रुपए 
जिला शिक्षा केंद्र की जांच में जब इन तीनों लोगों के स्टेटमेंट जांच टीम ने लिए तो चिरौंजी ने बताया कि स्कूल हेडमास्टर ने बीते 2 साल में उसके खाते से 2 हजार, 9 हजार,6500, रुपए रुपए निकल वाए थे। इसके बदले में उसने उसे दो हजार रुपए दिए थे। 

कमला आदिवासी ने बताया कि उसके बैंक खाते में 2500, तीन हजार,दस हजार,पांच हजार,और तीन हजार रुपए स्कूल हेड मास्टर के द्वारा डाले गए थे। उसने पैसे निकाल कर दिए तो उसे भी दो हजार रुपए दिए गए थे। 

अनीता आदिवासी ने बताया कि हेड मास्टर के द्वारा उसके बैंक खाते में 2 हजार रुपए,फिर 16 हजार रुपए,इसके बाद 10 हजार रुपए, इसके बाद 2 हजार रुपए, और 15 हजार रुपए डाले थे। इसके बाद हमने उन्हें ये पैसे वापस कर दिए। इसके बदले में उन्होंने हमें 2 हजार रुपए दिए हैं। 

ऐसे किया सरकारी पैसों का गबन 
जिला शिक्षा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल हेडमास्टर मुरारीलाल शर्मा के द्वारा सरकार से जारी हो रही शाला विकास की राशि जैसे गणवेश, साइकिल, स्कूल फर्नीचर, रंगाई-पुताई के पैसों को ठिकाने लगाने के लिए कुछ आदिवासियों से सांठगांठ कर रखी थी। 

प्रारंभिक जांच में जो नाम मिले हैं उनमें अनीता आदिवासी,कमला अदिवासी, चिरौंजी लाल आदिवासी के नाम से चेक काटे हैं। ये तीनों लोग गांव कठमई गांव में ही रहते हैं र इनके बैंक खातों का उपयोग मुरारीलाल कर रहा है। डीपीसी शिरोमणि दुबे का कहना है कि अभी और भी कुछ नाम है लेकिन अब जांच के बाद ही उन नामों का खुलासा हो पाएगा। 

इनका कहना है
बीते रोज जब टीम उक्त विद्यालय पर पहुंंची तो उसमें कई खामियां सामने आई। जब इस स्कूल के हेडमास्टर मुरारीलाल शर्मा से रिकॉर्ड मांगा तो 2007 से 2014 तक का रिकॉर्ड चोरी होने की बात कही। जिसपर हमनें एफआईआर की कॉपी मांगी तो वह नहीं दे पाया। उसके बाद 2014 से 2017 तक का रिकॉर्ड मांगा तो वह भी उसने अपने फूफा के पास होने की बात कही थी। इस मामले में हमने डीईओ को प्रस्ताव बनाकर भेजा। जिसपर प्रथम दृष्यता आरोपी मानते हुए डीईओ ने उक्त हेडमास्टर को निलंबित कर दिया है। साथ ही अब विभागीय जांच के बाद एफआईआर कराई जाऐंगी। 
शिरोमणि दुबे,डीपीसी,शिवपुरी।