तीन माह में एक बार खुलती थी कंट्रोल की दुकान, ग्रामीण बोले आज आप रास्ता कैसे भूल गईं

करैरा। वैसे तो पूरे जिले भर में कंट्रोल माफिया पीडीएस को चूना लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। हर जनसुनवाई में इन पीडीएस माफिआयों की शिकायत लेकर ग्रामीण पहुंचते है। अधिकारी जांच के नाम पर अपना सिस्टम सेट कर इन्हें अभय दान दे देते है। बीते रोज करैरा के एक गांव में फूड इंस्पेक्टर नेहा बंसल जांच करने पहुंची तो सामने आया कि यहां बीते चार साल से कोई इस पीडीएस की दुकान को देखने तक नहीं आया। यह दुकान तीन महीने में एक बार खुलने की बात ग्रामीणों ने कही। 

जैसे ही फूड इंस्पेक्टर नेहा बंसल गांव में पहुंची तो ग्रामीणों ने एक दम से कहा मेडम क्या आप यहां का रास्ता भूल गई हो। यह बात करैरा के तहत आने वाले ग्राम बड़ौरा के ग्रामीणों ने फूड इंस्पेक्टर से कही, जो शुक्रवार को कंट्रोल की दुकान का निरीक्षण करने आई हुईं थीं। ग्रामीणों ने कहा कि आप सेल्समैन को आदेश दें कि वह दुकान को खोले। फूड इंस्पेक्टर ने नेहा बंसल ने दुकान को सील कर सेल्समैन पर कार्रवाई के लिए एसडीएम को लिखा।

जनसुनवाई में की थी ग्रामीणों ने शिकायत
करैरा एसडीएम सीबी प्रसाद को मंगलवार को जनसुनवाई में ग्राम बड़ौरा में शासकीय उचित मूल्य की दुकान का शिकायत आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसमें ग्रामीणों ने कई महीनों से राशन वितरण नहीं होने के बारे में लिखा था। इस पर एसडीएम ने फूड इंस्पेक्टर नेहा बंसल को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

इनका कहना है
शाम दुकान को सील कर चुके हैं और गरीबों व आदिवासियों का राशन डकारने वालों पर एफआईआर एवं रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी। सील की गई दुकान में अगर सेल्समैन द्वारा कोई गड़बड़ी की कोशिश की जाएगी तो उस पर आईपीसी की धारा 188 एवं 407 के तहत भी कार्रवाई होगी, जिसमें 7 वर्ष की सजा का प्रावधान है। जनसुनवाई में ग्राम बड़ौरा में राशन नहीं मिलने की शिकायत आई थी। जिस पर फूड इंस्पेक्टर नेहा बंसल को कार्रवाई के लिए भेजा था। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
सीबी प्रसाद, एसडीएम करैरा।