शिवपुरी पर मेहरबान हुए इन्द्रदेव, दोपहर में झूमकर बरसे मेघा

शिवपुरी। अल्प वर्षा के कारण शिवपुरी जिले प्रशासन द्वारा सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है जिससे जिलेवासियों की चिंता बढ़ गई थी। सर्वाधिक स्थिति शहरी क्षेत्र में खराब और शहरवासी भविष्य में उत्पन्न होने वाली जल समस्या को लेकर चिंतित हो गए थे। इस दौरान भीषण गर्मी और उमस के बीच लोग परेशान हो गए थे, लेकिन गणेश चतुर्थी से एक दिन पूर्व हुई बारिश ने लोगों को राहत की और बीच-बीच में हल्की-फुल्की बारिश होती रही। जहां आज दोपहर बाद झमाझम बारिश ने लोगों की आशाएं बांध दी। 

सुबह से ही मौसम ठंडा हो गया और बादल भी थे जिससे अनुमान लगाया जा रहा था कि आज पुन: बारिश होगी और दोपहर 12:45 बजे से बारिश का दौर शुरू हो गया जो लगभग 1 घंटे तक चला इस दौरान तेज बारिश से सडक़ों पर पानी भर गया और नालियां उफन गईं। जिससे अन्तत: लोगों ने राहत की सांस ली। 

विदित हो कि पिछले वर्ष बारिश में सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे और शहर में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गए थे, लेकिन इस वर्ष चौमासा पूर्ण होने की कगार पर है, लेकिन बारिश न होने से किसानों के साथ लोगों की चिंताए बढ़ गई थीं। बीच-बीच में कुछ बारिश अवश्य हुई, लेकिन धरती का जलस्तर नहीं बढ़ा और बारिश न होने से गर्मी का भी प्रकोप बना रहा।

यहां तक  कि तरह तरह के कीड़े बारिश न होने से आ गए और उनका प्रकोप बना रहा। जिससे लोग हतोत्साहित हो गए और उन्हें भविष्य की चिंता सताने लगी। शहर पहले से ही जलसंकट से जूझ रहा है। ऐसी स्थिति में बारिश न होने के कारण शहरवासियों के समक्ष भारी संकट खड़ा हो गया था और बारिश के मौसम में भी उन्हें दूर-दूर से पानी की व्यवस्था करनी  पड़ रही थी, लेकिन पिछले 5 दिनों से रूक-रूककर हो रही बारिश ने भूमि का जलस्तर बढ़ा दिया जिससे सूखे पड़े ट्यूबवैलों में पानी आ गया। वहीं आज हुई बारिश ने भी लोगों को काफी राहत दी।

अभी महज 40 प्रतिशत बारिश हुई है
जिले में प्रतिवर्ष वर्षा का औसत 816.3 एमएम है, लेकिन इस सीजन में अभी तक महज 40 प्रतिशत वर्षा ही रिकॉर्ड की गई है। आंकड़ों के मान से आज तक 340 एमएम वर्षा हुई है। जिससे स्पष्ट है कि हालात अभी भी गंभीर हैं। वर्षा के सीजन में कुछ ही दिन शेष बचे हैं और इन दिनों में पानी नहीं बरसा तो हालात काफी विकट हो जाएंगे।