शिवपुरी। शहर में इन दिनों अधिकारियों की रंगरलियां सुर्खियों में हैं। लोग नई पुरानी कहानियां भी सुना रहे हैं। एकाध साल पहले अपडाउन करने वाले 2 कर्मचारियों के बीच बने संबंध उस समय सुर्खियों में आ गए थे जब महिला व पुरुष को लोगों ने एक कमरे में दबोच लिया था। एक आला अधिकारी को एक महिला अधिकारी का साथ इस कदर पसंद था कि वो लगभग हर मीटिंग में किसी ना किसी बहाने से महिला अधिकारी को बुला ही लिया करते थे। इन सबके अलावा एक और रंगीन मिजाज अधिकारी हैं लेकिन उनकी बात कुछ और है। वो अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के घर जाकर उनकी पत्नी के हाथ का बना खाना खाकर खुश हो जाते हैं।
साहब अपनी ईमानदारी और देशभक्ति का गुणगान भरे मंच से किया करते हैं। कई बार जिले के आला अधिकारियों को भी अपनी राजनैतिक ताकत दिखा चुके हैं। इससे पहले जहां पदस्थ थे, सुना है वहां से धक्का देकर निकाले गए थे। कहते हैं ये आसानी से कोई जिला नहीं छोड़ते। नियम विरुद्ध कुर्सी पर डटे हुए हैं।
साहब की बड़ी अजीब सी मनोकामना है। उन्हे अधीनस्थ कर्मचारियों के घर जाकर उनकी पत्नी के हाथ का भोजन खाना पसंद है। इसके लिए वो सरकारी वाहन में हजारों रुपए का डीजल बर्बाद कर देते हैं। सप्ताह में कम से कम 3 दिन तो वो किसी ना किसी कर्मचारी के घर जाकर ही भोजन करते हैं। कई बार तो भोजन के लिए आॅफिस के जरूरी काम और मीटिंग तक छोड़ देते हैं। सुना है साहब की पत्नी उनके साथ नहीं रहतीं।
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