22 साल पहले मुस्लिम युवती से लव मैरिज, मरने के बाद हिन्दू-मुस्लिम तरीके से अंतिम संस्कार को लेकर चला ड्रामा

शिवपुरी। शहर के फिजीकल चौकी क्षेत्र में बीते रोज एक युवक की मौत के आठ घण्टे बाद तक उसके अंतिम संस्कार को लेेकर हाईप्रोफाईल ड्रामा चलता रहा। यह ड्रामा लगभग 8 घण्टे तक चलता रहा। उसके बाद पुलिस ने बमुश्किल परिजनों को युवक का हिन्दू पद्धिति से दाह संस्कार करने की अनुमति दे दी। परंतु मृतक के मुस्लिम पुत्र ने पिता को मुखाग्नि देने से इंकार कर दिया। तो मृतक के भाई ने युवक का दाह संस्कार किया। 

जानकारी के अनुसार एक युवक को 22 साल पहले प्रेम विवाह करना मंहगा पड़ गया। उसके मरने के बाद भी उसकी पत्नी उसके दाह संस्कार न करवाते हुए दफनाने को लेकर परिजनो से विवाद करती रही और शव को आठ घंटे घर में ही कैद करके रखा गया। शिवपुरी शहर के शहर के कमलागंज चीलौद में रहने वाले एक वृद्ध की बीमारी के चलते मौत हो गई। चूंकि मृतक हिंदू था और उसने मुस्लिम महिला से प्रेम विवाह किया था,इसलिए शव को दफनाया जाए या दाह संस्कार किया जाए,इस फेर में शव 8 घंटे तक घर में रखा रहा। बाद में जब पुलिस ने समझाईश दी कि यदि दाह संस्कार नहीं हुआ तो आत्मा भटकती रहेगी और उसे शांति नहीं मिलेगी। 

वहीं मृतक का बेटा होने के बावजूद उसके छोटे भाई ने शव को मुखाग्नि दी। जानकारी के अनुसार श्याम सिंह भदौरिया (50) ने लगभग 22 साल पूर्व चंदा बेगम से प्रेम विवाह किया तथा उसके साथ वे चीलौद में निवास करते थे।

उनका एक बेटा राजा (20) भी है। बीमारी के चलते श्याम सिंह ने रविवार-सोमवार की दरमियानी रात दम तोड़ दिया। श्याम सिंह की मौत की खबर उनके भाई-बंधुओं को भी दी गई, तो वे दाह संस्कार करने के लिए शव को लेने चीलौद स्थित घर पर पहुंच गए। उधर मृतक की पत्नी चंदा बेगम का कहना था कि हम इस शव को दफनाएंगे, दाह संस्कार नहीं होने देंगे। 

दोनों ही पक्ष जब एक-दूसरे की बात को मानने के लिए तैयार नहीं हुए तो मृतक के भाई इस मामले की शिकायत लेकर फिजीकल पुलिस थाने पहुंचे। दोपहर लगभग एक बजे फिजीकल थाना प्रभारी विकास यादव मृतक श्याम सिंह की पत्नी चंदा के घर पहुंचे और समझाया कि यदि श्याम शादी के बाद अपना धर्म बदल लेते, तो उनके शव को दफनाने में कोई परेशानी नहीं थी। 

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वे पूरे समय तक हिंदू ही रहे और यदि हिंदू रीति-रिवाज से उनका दाह संस्कार नहीं किया जाएगा तो उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। पुलिस की समझाइश के बाद मामला सुलट सका और मृतक के भाई को शव को दाह संस्कार के लिए ले गए। चूंकि श्याम सिंह के बेटे राजा ने होश संभालने के बाद ही मुस्लिम धर्म को अपनाया,इसलिए दाह संस्कार में बेटे की बजाए मृतक के भाई ने चिता को आग दी।