भीम एप काण्ड: 1 लाख की रिश्वत में रफादफा करने की चर्चा

शिवपुरी। जिले के पोहरी थाना क्षेत्र के पोहरी कस्बे में भीप एप के नाम पर लोगो के बैंक खाते से रूपए ट्रासंफर कर रहे गिरोह का सदस्य ने अपने बाकी साथियो के नाम पुलिस के समझ उगले थे, लेकिन अभी तक इस मामले में बाकी आरोपियो पर पुलिस ने कार्रवाई नही की है।बताया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस को 1 लाख रूपए की रिश्वत चढाई गई है। इसमें सबसे खास बात यह है कि पहले पुलिस ने इनके नाम मीडिया में उजागर किए फिर दबाव बनाकर रिश्वत वसूली। 

विदित हो कि बीते कुछ दिनों पूर्व पोहरी थाना क्षेत्र मेें भीम एप के नाम पर लोगों को सिम का प्रलोभन देकर खाते से रूपए निकालने का मामला प्रकाश में आया था। इस मामले की शिकायत पीडित महिला ने पुलिस थाना पोहरी में की। जहां पहले तो पुलिस ने उक्त महिला को दुत्कार कर भगा दिया। उसके बाद उक्त महिला ने आपबीती शिवपुरी समाचार डॉट कॉम को बताई। 

शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रकाशित किया। समाचार प्रकाशित होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने मामले में तत्काल कार्यवाही के निर्देश थाना प्रभारी को दिए। इस मामले में पुलिस ने तत्काल आरोपी संतोष बराई पर धारा 420 का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद पुलिस ने इस आरोपी को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर ले लिया। 

रिमांड के दौरान उक्त आरोपी ने इस पूरे मामले में चार लोगों ने नाम उगले। चार लोगों ने नाम सामने आते ही शुरू हुआ पुलिस की वसूली का खेल। चारों नामों को पुलिस ने मीडिया को बताया कि इस मामले में आरोपी ने चार नाम और उगले है। इन चारों आरोपीयों के नाम मीडिया में प्रकाशित होते ही चारों परिजनों के परिजन दहशत में आ गए औैर फिर शुरू हुआ डीलिंग का खेल। 

इस मामले में फैजान खान, मोहर सिंह धाकड़, अरविंद वर्मा और गोविंद धाकड़ का नाम आने पर इसने परिजन पोहरी के ही भाजपा नेता के शरण में जा पहुंचे। बताया जा रहा है कि रिमांड में उगले नामो को बचाने के लिए पोहरी पुलिस ने 1 लाख रूपए की वसूली की है और यह वसूली पुलिस के बडे स्तर के अधिकारियो ने नाम पर की गई है। 

अब गौर करने बाली बात यह है कि जब आरोपी खुद अपने साथियों के नाम बता रहा है उसके बाद भी पुलिस मामले में आरोपी नहीं बना पा रही है। वैसे तो मध्यप्रदेश पुलिस आरोपीयों को पकड़ नहीं पाती है और यहां उल्टा आरोपी द्वारा अपने साथियों के नाम उजागर करने के बाद भी पुलिस ने इनसे पूछताछ करना भी उचित नहीं समझा। 

इस मामले में अपने राम का कहना है कि भीप एप के नाम पर लाखो रूपए की ठगी इस गिरोह ने की है। अभी इस मामले में एक ही फरियादी सामने आया है, पुलिस द्वारा इस गिरोह के सभी सदस्यो पर मामला दर्ज कर पुछताछ करती तो धोखाधडी की यह रााशि लाखो रूपए में पंहुच सकती है। 

ऐसे करता था यह गिरोह धोखाधडी
भारत सरकार ने केसलेस सिस्टम के लिए भीमएप लॉन्च किया है,इस एप को आपको अपने मोबाईल में डाउनलोड करना पडता है। यह ऐप फिंगर प्रिंट लेता है। यह गिरोह लोगो को फ्रि सिम देने का वादा कर फॉर्मलटी के नाम पर उसके मोबाईल में भीपएप डाउनलोड करके उसके फिंगर प्रिंट लगाकर बैंक की डिटेल ले कर अपने खाते में रूपए ट्रांसफर कर रहे थे।