अनुशासन हीनता करने वाले कायस्थ समाज की कार्यकारिणी से निष्कासित होंगे: श्रीवास्तव

शिवपुरी। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा जिला शाखा शिवपुरी की विशेष बैठक हरियाली अमावस्या के अवसर पर स्थानीय सिद्धेश्वर धर्मशाला में आयोजित की गई। बैठक की शुरूआत में कायस्थ समाज के अराध्य देव चित्रगुप्त भगवान के चित्र पर वरिष्ठ समाजसेवी मुरारीलाल सक्सैना एवं सवाईलाल श्रीवास्तव के द्वारा माल्यार्पण किया गया। अनुराग अष्ठाना एवं देवेन्द्र श्रीवास्तव के द्वारा दीप प्रज्जवलन कर बैठक की कार्रवाई शुरू की गई।  

उमाचरण श्रीवास्तव के द्वारा कायस्थ समाज में प्रगति के लिए दिए गए प्रस्तावों की वास्तविक जानकारी भूपेन्द्र भटनागर द्वारा उपस्थित जनमानस को प्रदान की गई। कार्यक्रम प्रारंभ हो इसके पूर्व देवेन्द्र श्रीवास्तव अध्यक्ष द्वारा मुख्य अतिथि अशोक सक्सेना का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। सतत् प्रक्रिया में राहुल अष्ठाना अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ के द्वारा मंचासीन कार्यकारी अध्यक्ष शशिकांत खरे का माल्यार्पण से स्वागत करते हुए मंच पर आसीन अन्य चित्रांशजनों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन करने वाले राकेश भटनागर द्वारा अध्यक्ष देवेन्द्र श्रीवास्तव का स्वागत किया गया।

रूपेश श्रीवास्तव के प्रस्ताव अनुसार प्रस्तावित एजेंडे पर चर्चा करने हेतु उपस्थित सभी सदस्यों को चर्चा के लिए बुलाया गया। चर्चा के दौरान प्रस्तावित एजेंडे समस्त बिंदुओं को पारित करते हुए भविष्य में होने वाली बैठक में प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। प्रस्तावित एजेंडे में मुख्य बिंदु अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के सक्रिय सदस्य रहकर अन्य सोसायटी का गठन करने वाले एवं उनका साथ देकर सक्रिय भूमिका निर्वहन करने वाले लोगों को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की कार्यकारणी से प्रथक किए जाने हेतु प्रस्ताव पारित किया गया। 

इसके लिए नवीन कार्यकारिणी के पुर्नगठन के लिए समिति निर्धारित की गई। चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट के पुर्नगठन पर चर्चा की गई साथ ही समाज में भविष्य में होने वाली गतिविधियों पर बल दिया गया। उपस्थित चित्रांशों में मंचासीन रमेश श्रीवास्तव, उमाचरण श्रीवास्तव, जसपत श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव के साथ अन्य लोगों में बसंत श्रीवास्तव, मोनू सक्सेना, नीलेश श्रीवास्तव, जगदीश श्रीवास्तव, करन भटनागर, अनिल निगम, अरूण श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव एवं वरिष्ठ जन मौजूद थे। कार्यक्रम संचालन की सभी व्यवस्था कन्हैया श्रीवास्तव द्वारा की गई। मौजूद सभी जनमानस ने उनके इस कृत्य की सराहना करते हुए भविष्य में भी सहयोग प्रदान किए जाने के लिए आग्रह किया।