अब आठ बजे हॉस्पीटल नहीं पहुंचेे डॉक्टर नहीं तो होगी कार्यवाही: कलेक्टर

शिवपुरी। कलेक्टर तरूण राठी ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन और सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन के निर्देशानुसार चिकित्सगण चिकित्सालयों में प्रात: 08 बजे से दोपहर 01 बजे तक उपस्थित होकर मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं दें। यह भी सुनिश्चित करें कि चिकित्सक प्रात: 08 बजे चिकित्सालय में आवश्यक रूप से पहुंच जाए। अगर कोई भी चिकित्सक समय से चिकित्यालय नहीं पहुंचेगा उस पर कार्यवाही की जांऐगी। करैरा सीमोक पर संस्थागत प्रसव कराने की समूचित व्यवस्था करें

चिकित्सालय में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। कलेक्टर तरूण राठी ने उक्त आशय के निर्देश आज जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा बैठक में दिए। श्री राठी ने शासन के विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की भी समीक्षा की। 

परिवार कल्याण कार्यक्रम की प्रगति पर व्यक्त की नाराजगी
कलेक्टर श्री राठी ने राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रमों की प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिले के सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि 11 जुलाई से 11 अगस्त तक ‘‘जनसंख्या स्थिरता माह’’ आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान लक्षित दम्पत्तियों को राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम अपनाने हेतु समझाईश दें और उन्हें प्रेरित करें। 

उन्हें छोटे परिवार का महत्व भी बताए। दम्पत्तियों को महिला एवं पुरूष नसबंदी पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के बारे में भी जानकारी दें। कलेक्टर श्री राठी ने कहा कि 21 जुलाई से जिले में नि:शक्तजनों की जांच उपरांत उन्हें नि:शक्तता प्रमाण पत्र प्रदाय किए जाने हेतु आयोजित होने वाले शिविरों में आवश्यक रूप से चिकित्सक पहुंचे। 

अतिकम वजन के बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराए
कलेक्टर श्री राठी ने पोषण पर्नुवास केन्द्रों (एनआरसी) में अतिकमवजन के भर्ती होने वाले बच्चों की केन्द्रवार जानकारी लेते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि अतिकम वजन के बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि एनआरसी में पलंगो की समूचित व्यवस्था करें। उन्होंने इस दौरान आयुष विभाग के चिकित्सकों को निर्देश दिए कि एनआरसी में भर्ती होने वाले बच्चों की माताओं को बच्चों में मालिस करने हेतु भी प्रशिक्षित करें।