कलेक्टर सहाब! कोलारस एसडीएम वसूल रहे है मेरिज गार्डनों से घूस, तभी नहीं कर रहे कोई कार्यवाही

इमरान अली, कोलारस। जिले के कोलारस विधानसभा अंर्तगत एक दर्जन से ज्यादा अवैध रूप से मैरिज गार्डन संचालित है। यह ऐसे मैरिज गार्डन है। जिन पर शासन का कोई नियम लागू नही होता। क्षेत्र में संचालित हो रहे एक दर्जन से ज्यादा मैरिज गार्डन जो हाईकोर्ट के आदेश को मैरिज गार्डन संचालको ने हवा में उड़ा दिया है। इस मैरिज गार्डन संचालक सीधा-सीधा एसडीएम को हर माह उनका हिस्सा पहुंचा रहे है। जिसके चलते उक्त लोगों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही।  

दो वर्ष पहले पूर्व कलेक्टर के आदेश के बाद सीएमओ शिवपुरी ने शहर के तमाम मैरिज गार्डनो को हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए गए आदेश में पार्किग व अन्य मानको पर खरा ना उतरने पर 32 मैरिज गार्डनों को नोटिस थमाए थे। जिसके बाद एसडीएम डीके जैन के नेतृत्व में एक टीम ने शहर के 32 में 19 विवाहघरों पर ताला जडक़र इन्हें सील कर दिया है। 

साथ ही जिले के कोलारस ब्लॉक में भी प्रशासन ने कुछ मैरिज गार्डनो को सील कर कार्यवाही कि थी। लेकिन कार्यवाही के कुछ समय बाद ही कोलारस में सील किये गए मैरिज गार्डनो को अवैधानिक रूप से खुलवा दिया गया था। जिसके बाद आज तक अवैध रूप से और बिना किसी अनूमती के चल रहे मैरिज गार्डनों को सील कर देने की कार्रवाई करने वाला प्रशासन नियमों का पालन कराने के मामले में कोलारस प्रशासन मुंह की खा रहा है। 

ऐसा नही है कि प्रशासन को अवैध और नियम विरूध तरीके से चल रहे मैरिज गार्डनो कि खबर न हो लेकिन चेहरे पर भ्रष्ट्राचारी नोटो का चस्मा लगा होने के कारण प्रशासन को कुछ नही दिखाई देता। जिसकी आड़ में कोलारस में संचालित मैरिज गार्डनो को बारे न्यारे हो रहे है। और शासन को हर वर्ष लाखो रूपए की राजस्व की होनी हो रही है।

आज भी शहर के कई मैरिज गार्डनों में आने वाले मेहमानों की गाडिय़ां ट्रैफिक का कचूमर बना रही है। बावजूद इसके गार्डन वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। पार्किंग की जगह नहीं होने पर मैरिज गार्डनों को सील तक कर देने वाला प्रशासन नियमों का पालन करने और मैरिज गार्डन वालों की मनमानी को रोकने के मामले में सुस्त साबित हो रहा है। 

दो साल पहले प्रशासन ने अपना डंडा बजाया और मैरिज गार्डन वाले लाइन पर आ गए थे। कुछ मैरिज गार्डन को छोडक़र सभी ने पार्किंग की व्यवस्था भी की और नियमों का पालन करने की बात भी कही, लेकिन अब हालात फिर खराब हो गए। 

कहीं नियमों का उल्लंघन कर सडक़ों पर पार्किंग की जा रही है तो कहीं पार्किंग की जगह का इस्तेमाल भी खाना पकाने और खाने खिलाने के लिए किया जा रहा है। साथ ही न तो इन मैरिज गार्डनो में सुविधा और सुरक्षा के नाम पर सिर्फ कोरा आश्वासन है। नगर में संचालित मैरिज गार्डनो में न तो सीसीटव्ही कैमरे और न ही अग्निशामक यंत्र न ही फिल्टर पानी कि व्यवस्था और न ही सुरक्षा के खासे इंतजाम है। 

यहां मैरिज गार्डन संचालक लोगो से एक दिन के बुकिंग के हजारो रूपए वसूल रहे है। और सुविधा और सुरक्षा के नाम पर सिर्फ धोखा दे रहे है। इस पूरे मामले को कोलारस प्रशासन टकटकी भरी आंखो से देख रहा है। लेकिन कार्यवाही करने कि हिम्मत नही जुटा पा रहा। इस मामले पर कोलारस के जिम्मेदार अधिकारियो को भी आवगत करा दिया है। लेकिन प्रशासन रटा जबाब देकर मामले से पल्ला झाड़ लिया जाता है। इस तरह प्रशासन कि मंशा पर कई सवाल खड़े हो रहे है।

हाईवे किनारे को बना दिया पार्किंग
प्रशासन की सुस्ती के कारण गार्डन वालों ने नियमों को ताक पर रख दिया है। देष के हाईवे नंबर 3 के दोनो और साईडो को पार्किंग में बदलकर रख दिया है। सथ ही नगर भर के प्रमुख मार्गों पर बने गार्डनों में पार्किंग के लिए आरक्षित बताई गई जमीन पर मेहमान नवाजी की जा रही है और यहां आने वाले मेहमानों की गाडिय़ां ट्रैफिक का बैंड बजा रही हैं। 

सब कुछ अधिकारियों की जानकारी में और सामने होता है, लेकिन बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। लगातार बिगड़ते हालातों और प्रशासन कि बैरूखी से लगातार अवैध रूप से संचालित हो रहे मैरिज गार्डन संचालको के हौसले बुलंद होते जा रहे है। 

आने समय में विवाह सम्मेलन और जोरदार शादी समारोह होने के चलते कोलारस में हाईवे किनारे हालत खराब होने कि संभावना देखी जा रही है। लेकिन प्रषासन ने इससे निपटने के लिए कोई रूप रेखा नही बनाई है। 
पहले कार्रवाई, फिर नोटिस और अब कुछ नहीं -
पार्किंग एरिया के लिए कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी गार्डनों में 35 प्रतिशत पार्किंग एरिया सुनिश्चित होना चाहिए और उसके बाद समय-समय पर टीम बनाकर जांच कराई जानी चाहिए। और सभी मैरिज गार्डनो को नगर परिषद में टैक्स के दायरे में लाना चाहिए क्योंकि यह मैरिज गार्डन संचालको के लिए भारी आय का स्त्रोत बने हुए है। कोलारस में अभी तक एक भी मैरिज गार्डन नगर परिशद में दर्ज नही है। 

इसी क्रम में पिछले वर्ष कुछ मैेरिज गार्डनो पर कार्यवाही करके संमझाईस देकर छोड़ दिया गया था। पार्किंग की जगह नहीं होने पर कई मैरिज गार्डनों को पार्किंग निर्माण के लिए समय भी दिया गया था। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा और न ही इस मामले में गंभीरता दिखाई दे रही है।