शिवपुरी। इस उमस भरी गर्मी में बिजली का कोई ईमान धर्म नही है। अघोषित कटौती का दौर पिछले कई दिनो से जारी है। कभी भी आती है और कभी भी चली जाती है।ऊपर से बिजली के बिल भी उपभोक्ताओ को झटके दे रहे है। आने वाले विधान सभा चुनावो में बिजली के बिल और कटौती मुदृदा भी बन सकता है। जैसा कि विदित है कि जिले के विधुत उपभोक्ताओं में से 99 प्रतिशत उपभोक्ता बिजली के अनाप-शनाप बिलों से परेशान हैं। मीटर भी लगा है तो भी आंकलित खपत के बढ़ा-चढ़ाकर बिल दिए जा रहे हैं। जिन उपभोक्ताओं के मीटर बंद हैं उन्हें हर माह 100-150-200 या इससे भी अधिक यूनिट के बढ़ाकर बिल बनाकर दिए जा रहे हैं।
विधुत मंडल का अपने अधिकारों की ओर पूरा ध्यान है लेकिन उपभोक्ता के अधिकारों और अपने कर्तव्यों की ओर उसका कोई ध्यान नहीं है। लाइट जाने पर उपभोक्ताओं की कोई सुनवाई नहीं होती और जो भी व्यवस्था बनाई गई है वह उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द ही साबित हो रही है।
बिल जमा करने के लिए हालांकि नगर में चार-चार सेंटर बना दिए गए हैं लेकिन उन केन्द्रों पर न तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था है। उपभोक्ताओं को धूप और पानी से बचने के भी कोई इंतजाम नहीं हैं। समय पर उपभोक्ताओं के पास बिल पहुंचाने की भी कोई व्यवस्था विधुत मंडल ने नहीं की है।
विधुत उपभोक्ता एक और जहां बढ़े हुए बिलों से परेशान हैं वहीं हर साल तीन माह जून-जुलाई-अगस्त में बिना किसी तर्क के सुरक्षा निधि के नाम पर मोटी रकम विधुत मंडल द्वारा वसूली जा रही है जिसे एक तरह से सुनियोजित लूट की संज्ञा दी जा सकती है। सवाल यह है कि जब विधुत उपभोक्ता हर माह बिल के अनुसार बिल अदा करता है तो फिर सुरक्षा निधि लेने का औचित्य क्या है।
जबकि कनेक्शन लेते समय ही प्रारंभ में उपभोक्ता से सुरक्षा निधि की राशि वसूल ली जाती है। विधुत मंडल की लूट का तरीका भी बड़ा सुव्यवस्थित है। एक तो बिल जमा करने की तारीख के एक-दो दिन पहले उपभोक्ता को बिल दिया जाता है और अनाप-शनाप बिल देखकर विधुत उपभोक्ता अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित करने की कोशिश करता है तो उनसे या तो सम्पर्क स्थापित हो नहीं पाता और हो भी जाता है तो उसकी समस्या का कोई हल नहीं निकल पाता ।
तब तक बिल जमा करने की तारीख निकल जाती है और फिर बिल के साथ उपभोक्ता से पैनल्टी भी वसूल ली जाती है। देर से बिल आने के कारण ही जमा केन्द्रों पर लंबी-लंबी कतारें हर माह लगी हुई देखी जा सकती हैं। शहर में कस्टम गेट के अलावा चाबी घर, न्यूब्लॉक और आईटीआई क्षेत्र में विधुत मंडल ने कलेक्शन सेंटर बना रखे हैं लेकिन इन सेंटरों पर धूप और पानी से बचने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां उपभोक्ताओं के लिए बैठने का भी कोई स्थान निर्धारित नहीं है। पेयजल के लिए भी उपभोक्ताओं को भटकना पड़ता है।
एक माह के भीतर ही बंद हुआ कियोस्क सेंटर
विधुत विभाग ने विधुत उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन पद्धति से बिल जमा करने के लिए कियोस्क सेंटर चाबी घर पर बनाया था। ताकि विधुत उपभोक्ता स्वंय अपना बिल जमा कर सकें। लेकिन एक माह के भीतर ही उक्त कियोस्क सेंटर रहस्यमय ढंग से बंद कर दिया गया। जिससे ऑनलाइन बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। इस विषय में कई बार विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
लाइट जाने पर शिकायत की व्यवस्था बेहद खराब
पहले लाइट जाने पर चाबी घर पर शिकायत कक्ष बना हुआ था जहां जाकर विधुत उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज कर समस्या का समाधान करा लेता था लेकिन अब चाबी घर का शिकायत कक्ष बंद कर दिया गया है और प्रदेश स्तर पर दो टोल फ्री नं. विधुत मंडल द्वारा दिये गए हैं।
यह नं. हैं 18004203300, 18002331912 लेकिन ये नं. या तो व्यस्त बताए जाते हैं अथवा नं. लग भी जाए तो मिलते नहीं है। जिससे समस्या यह है कि उपभोक्ता अपनी परेशानी किसे बताए। यही नहीं बिजली बिल पर अपनी समस्या बताने के लिए जिन अधिकारियों के मोबाइल नं. दर्ज हैं वे मोबाइल नं. भी या तो व्यस्त मिलते हैं अथवा घंटी भी जाती है तो उसे कोई रिसीव नहीं करता है।
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