बिजली विभाग:रीडिंग से ज्यादा बिल, रीडिंग कम करने के एवज में मांगते है घूस

विकाश कुशवाह/कोलारस। नगर में विद्युत वितरण निगम की ओर से उपभोक्ताओं के बिल जारी करने के मामले में अंधेरे में तीर चलाए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि हजारों उपभोक्ताओं के मीटर खराब है। खराब मीटरों पर औसत बिल जारी करने की आड़ में कई उपभोक्ताओं को मनमानी से ही बिल थमा दिए गए हैं। जिससे अब उपभोक्ता इनमें सुधार को लेकर धक्के खा रहे हैं। खराब मीटरों की संख्या दिन ब दिन बड़ती जा रही है। और लोग हाथो में ज्यादा बिल लेकर न्याय के लिए भटक रहे है। 

बिजली बिल के मीटर रीडिंग के लिए विभाग कहीं स्पॉट बिलिंग करवा रहा है। तो कहीं कागजी बिल थमाए जा रहे हैं। लेकिन इसके चलते उपभोक्ताओं को बिना मीटर देखे ही मनमानी रीडिंग कर एवरेजेवल बिल थमाए जा रहे है।  

उपभागताओ ने सार्वजनिक रूप से बिजली विभाग पर आरोप लगाए है। कि बगैर रीडिंग किए उनहें बिजली बिल थमाया जा रहा है। कई माह पहले मीटर बदलने के आवेदन देने के बाद भी बिजली विभाग द्वारा मीटर नही बदले जा रहे है। विभाग में शिकायत करने पर कोई संतोषजनक जबाब नही दिया जा रहा है। 

जनता ने लगाए रिश्वत मांगने के आरोप
बिजली मीटर रीडिंग में अचानक आ रही तेजी की शिकायत करने के बाद भी बिजली विभाग अपनी मनमानी पर उतारू हो गया है। कई कर्मचारी रीडिंग सही करने के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूल लेते हैं। साथ ही अगले महीने से मीटर रीडिंग  कम करने के नाम पर महीने पर 200 से 300 रूपए वसूल रहे है। 

जगतपुर निवासी करीब आधा दर्जन लोगो ने बिजली विभाग पर रिश्वत के आरोप लगाते हुए बताया की जगतपूर में रींडिग लेने वाला बिजली विभाग का कर्मचारी मीटर रींंिडग कम करने के एवज में पैसे कि मांग करता है। और नही देने पर ज्यादा रीडिंग लिख लेता है। जो रीडर को हर महीने रिश्वत देता है। उसे फायदा पहुंचाया जाता है।

एक सच यह भी
बिजली निगम से जुड़ी समस्याओं के मामले में समाधान को लेकर भी उपभोक्ताओं को काफी परेशान होना पड़ता है। खासकर बिल में त्रुटि, अधिक बिल आने सहित अन्य मामलों में पूर्व के वर्षों में कई उपभोक्ताओं को कई दिनों तक दौड़भाग करनी पड़ी है। कुछ मामलों में तो उपभोक्ताओं से पहले तो पूरा बिल भरवाकर बाद में समायोजन का तर्क तक भी दिया गया।