जनसुनवाई में अचानक परिवर्तन, आवेदक भटकते रहे

शिवपुरी। शासन द्वारा प्रति मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में इस बार काफी परेशानी का सामना करना पढ़ा। शिकायतकर्ता अपनी समस्याओं को लेकर भटकते देखे गए। यह स्थिति जनसुनवाई के विकेन्द्रीकरण से हुई। अभी तक हर विभाग की जनसुनवाई कलेक्ट्रेट में होती थी लेकिन इस बार अचानक जनसुनवाई का विकेन्द्रीकरण करते हुए अलग-अलग विभागों में उनके अधिकारी जनसुनवाई के लिए बैठे गए लेकिन इसका प्रचार और प्रसार न होने से शिकायतकर्ता परेशान होते देखे गए। 

कलेक्टर तरूण राठी ने पिछली जनसुनवाई में आदेश दिया था कि अगली बार जनसुनवाई विकासखंड स्तर पर होगी और शिकायतकर्ता अपने-अपने विकासखंड में जाकर सम्बन्धित अधिकारियों को अपनी समस्यायें बताएंगे लेकिन इस बार एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई को भीड़ को नियंत्रित करने की दृष्टि से अलग-अलग विभागों में विकेन्द्रीकृत कर दिया। अर्थात आदिमजाति कल्याण विभाग, तहसील, महिला बाल विकास विभाग, आबकारी विभाग, बिजली विभाग आदि विभिन्न विभागों की जनसुनवाई सम्बन्धित अधिकारी अपने कार्यालय में करेंगे। 

आज की जनसुनवाई में कलेक्टर तरूण राठी किसी बैठक में उपस्थित होने के कारण नहीं आए। उनके स्थान पर डिप्टी कलेक्टर प्रजापति और डिप्टी कलेक्टर पांडे बैठे। जनसुनवाई में पिछली बार की तरह इस बार भी भीड़ जुटी लेकिन आवेदक को उसकी समस्या देखकर संबंधित विभाग में जाने की सलाह दी जाती लेकिन इससे आवेदक भटकते देखे गए। अन्य विकासखंडों के आवेदक भी अपनी समस्याएं लेकर आए लेकिन उन्हें बैरंग वापिस लौटना पड़ा। 

अस्पताल से रिकॉर्ड गायब, आठ साल से नहीं बने जन्म प्रमाण पत्र 
आज जनसुनवाई में सतनबाड़ा कांकर से तीन महिलाएं भी अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र न बनने की शिकायत लेकर आईं। फूलवती पत्नि धर्मवीर मोगिया, नीलम पत्नि विक्रम मोगिया और सपना पत्नि मुन्ना मोगिया ने बताया कि वह अपने बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आठ साल से भटक रही हैं लेकिन आज तक उनके बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कहते हैं कि अस्पताल से रिकॉर्ड गायब हो गया है इस कारण जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। उक्त महिलाओं का कहना है कि इसमें उनका क्या दोष है। जनसुनवाई में अधिकारियों ने आज फिर उन्हें सतनवाड़ा स्वास्थ्य केंद्र जाने की सलाह दी। जब महिलाओं ने कहा कि वह आठ साल से सतनवाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चक्कर लगा रही है तो अब वहां जाने से क्या होगा लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। मन मसोसकर तीनों महिलाएं वहां से रवाना हो गईं।