अगर सिंधिया सीएम प्रोजेक्ट हुए तो यशोधरा नहीं लडेंगी शिवपुरी से चुनाव !

शिवपुरी। पूरे प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन की आग थमने का नाम नहीं ले रही है और इस आग को बरकरार रख कर अपनी रोटियां सेक रही कांग्रेस पार्टी को दबी जुबान एक और प्लस पॉइंट मिल सकता है। वह प्लस पोईंट है यशोधरा का शिवपुरी से चुनाव नहीं लडनक की मूक सहमती देना। क्योंकि अगले विधानसभा को लेकर यशोधरा के मन में अभी से शंका पैदा हो गई है। जाहिर सी बात है वह शंका ज्योतिरादित्य सिंधिया के सीएम प्रोजक्ट को लेकर है। 

वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे को लेकर शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के मन में शंका है। उनकी यह शंका गुरूवार को भुजरिया तालाब पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए सामने आई। एक प्रश्र के जबाव में शिवपुरी विधायक एवं मप्र सरकार की केबीनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मैं अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटूंगी। 

आने वाले विधानसभा चुनाव में डेढ़ वर्ष का समय है, मैं तब तक अपना सारा काम खत्म करना चाहती हूॅ, मुझे नहीं पता कि मैं अगला चुनाव शिवपुरी विधानसभा से लडूंगी या नहीं, लेकिन मैं हर हाल में अपना काम समय-सीमा में पूर्ण करूंगी। उनका कहना था कि कोई भी बाधा डाले, कितनी भी चुनौतियों का सामना करना पड़े, लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगी, क्योंकि मुझे अब चुनौतियों का सामना करने की आदत पड़ चुकी है। मुझे अब पीछे नहीं देखना है और प्रोग्रेसिव रहना है। इस दौरान उन्होंने सिंध प्रोजेक्ट के वर्तमान स्थिति तक पहुंचने के लिए पत्रकारों का भी साथ देने के लिए धन्यवाद दिया। 

सिंधिया का कांग्रेस से मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट होना बड़ी बाधा वर्तमान में जो परिदृश्य दिखाई दे रहा है उसके अनुसार वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से शिवपुरी-गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को बतौर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया जा सकता है। फिलहाल यही वह वजह दिखाई दे रही है, जिसकी वजह से शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से यशोधरा राजे सिंधिया को भाजपा नेतृत्व द्वारा चुनाव लडऩे से रोका जा सकता है, क्योंकि ग्वालियर के बाद शिवपुरी ही वह जगह है जिसे सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। 

भाजपा नेतृत्व नहीं चाहेगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ कहे जाने वाले इस इलाके से उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़े और फिर भाजपा सिंधिया पर पूरी तरह से हमला न कर सके, क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से सबसे तीखा हमला ज्योतिरादित्य सिंधिया पर ही होना है और उनकी घेराबंदी के लिए भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा एवं प्रदेश सरकार के एक अन्य केबीनेट मंत्री जयभानसिंह पवैया लगातार मुखर दिखाई दे रहे हैं।