अगर जुर्माना माफ नहीं हुआ तो में भरूंगा और जूस पिलाकर एसडीएम ने तुड़वाया अनशन

करैरा। विद्युत विभाग की मनमानी के चलते पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष सीताराम गेड़ा 81 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति हैं। पिछले 2 माह में उनके द्वारा आवेदन विद्युत विभाग के अधिकारियों, एसडीएम करैरा के अलावा कलेक्टर को भी दिया जा चुका था और कई बार चक्कर लगाने के बावजूद जब उनका काम नहीं हुआ तो मजबूरी में उन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा। 

जानकारी के अनुसार सीताराम गेड़ा का कृषि फार्म ग्राम टीला में है यहां पर विद्युत सप्लाई हेतु डीपी लगाई गई थी जिस पर से इनके द्वारा भी एक मोटर का अस्थाई कनेक्शन लिया गया था उनके साथ ही अन्य 8 व्यक्तियों ने भी अस्थाई कनेक्शन ले रखे थे। 2 माह पूर्व विद्युत विभाग के अधिकारी वहां पहुंचे और डीपी हटाने लगे जब इन्होंने रोका तो उन्होंने कहा कि स्थाई कनेक्शन वालों का 5 लाख रूपये का बिल बकाया है इसलिए हम डीपी हटा रहे हैं। 

जबकि अन्य लोगों के पूर्व से ही जमा अस्थाई कनेक्शन के भुगतान थे। उसके बाद भी विद्युत मंडल कर्मचारियों ने अपनी मनमानी करते हुए डीपी उठा लाये। जिसके चलते पानी की उपलब्धता ऐसी भीषण गर्मी में ना होने की वजह से आठ मवेशियों की जिसमें गाय और भैंस शामिल हैं कि प्यास से मौत हो गई। ओर खेती में भी भारी नुकसान हुआ।  

सभी जगह आवेदन देने के बाद भी सुनवाई नही हुई जिससे परेशान होकर शिवपुरी जनसुनवाई में पहुंच कलेक्टर को आवेदन दिया गया उस पर भी एक माह में कोई कार्यवाही नहीं की गई। कार्रवाई नही होने से तंग आकर और सुनवाई कहीं नहीं होती देखकर सीताराम गेड़ा ने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया और वह 15 जून को वह अनशन पर बैठ गए। अवसर पर पूर्व जिला पंचायत सतीश फौजी सहित टीला ग्राम के ग्रामीण मौजूद थे।

एसडीएम ने दिखाई दरिया दिली
मौके पर पहुचे एसडीएम ने जब विधुत विभाग के अधिकारियों को मोटर लौटाने के निर्देश दिए तो उन्होंने बताया कि मोटर पर अनजाने में केस बना दिया गया है जिसमे 8200 रुपए का जुर्माना हुआ है। तो एसडीएम सीबी प्रसाद ने कहा कि आपके द्वारा गलत तरीके से कनेक्शन होने के बाद भी जुर्माना किया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर जुर्माना माफ कराओ यदि माफ नही होता है। तो में उक्त जुर्माना स्वयं भरूंगा। लेकिन इनकी मोटर इनको तत्काल दें।