पहली बारिश में ही गुल हो गई बिजली, 20 घण्टे तक अंधेरा कायम रहा

शिवपुरी। शहर में बिजली विभाग की मनमानी का दौर निरंतर जारी है। कल बारिश के दौरान कल शाम 4 बजे रोकी गई विद्युत सप्लाई आज सुबह 11:30 बजे बहाल की गई। लगभग 20 घंटे तक विष्णु मंदिर और फिजीकल क्षेत्र सहित कई हिस्से अंधेरे में डूबे रहे। इस दौरान बिजली अधिकारियों के साथ-साथ टोल फ्री नम्बर पर भी संपर्र्क साधा लेकिन अधिकारियों के फोन बंद थे। वहीं टोल फ्री नम्बर पर व्यस्त टोन सुनाई दी। 

जिससे परेशान होकर फिजीकल क्षेत्र के कुछ युवा एकत्रित होकर चाबी घर पहुंचे जहां उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वह आक्रोशित हो गए। यह देख वहां मौजूद कर्मचारी चाबी घर पर ताला लगाकर भाग गए। 

विदित हो कि शिवपुरी में मेंटीनेंस के नाम पर कटौती का दौर जारी है और हल्की फुल्की आंधी और बारिश के दौरान शहर की विद्युत सप्लाई रोक दी जाती है। यह सिलसिला पिछले कई दिनों जारी है। जबकि इन दिनों भीषण गर्र्मी का दौर चल रहा है। 

हालांकि कल बारिश होने के कारण मौसम ठण्ड अवश्य आई लेकिन उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया। वहीं रही सही कसर विद्युत विभाग ने कर दी। जहां बारिश के दौरान शाम 4 बजे बिजली सप्लाई बंद कर दी। देखते ही देखते रात अंधेरे में गुजर गर्ई। लेकिन बिजली सप्लार्ई चालू नहीं की गई और सुबह 11:30 बजे लार्ईट आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। 

20 घंटे तक बिजली सप्लार्ई बंद रहने के दौरान घरों में लगे इन्वेटर ने साथ छोड़ दिया और लोग अपने मोबार्ईल तक चार्ज नहीं कर सके। जिससे उनके मोबाईल भी बंद हो गए और संचार सेवायें भी ठप्प हो गई। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी बिजली अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में बिजली सप्लार्ई के लिए कोई प्रयास नहीं किए जिससे लोगों में बिजली विभाग के प्रति आक्रोश बना हुआ है।

टोल फ्री नम्बर बना लोगों को परेशान करने का सबब
बिजली उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने और तुरंत उनकी समस्या हल करने के उद्देश्य से टोल फ्री नम्बर शुरू किया गया था, लेकिन यह अब लोगों की परेशानी का कारण बन रहा है। क्योंकि उक्त टोल फ्री नम्बर पर घंटों-घंटों पर व्यस्त टोन प्राप्त होती है। 

अगर जैसे-तैसे नम्बर भी लग जाता है तो वहां बैठे फोन अटेंडर ठीक ढंग से उनसे बात नहीं करते और बिना कोई जानकारी  दिए फोन काट देते हैं। पहले उपभोक्ताओं को बिजली चले जाने पर स्थानीय अधिकारियों और कर्र्मचारियों से शिकायत करने पर उनकी समस्या का समाधान हो जाता था, लेकिन अब टोल फ्री नम्बर पर शिकायत करने के बाद ही उनकी समस्या सुनी जाती है, जिससे स्थानीय कर्मचारियों को शिकायत करने पर वह टोल फ्री पर शिकायत करने का नम्बर लिए बिना कार्य करने से इन्कार कर देते हैं।